त्योहारों और शादियों के सीजन के बावजूद पेंट उद्योग कमजोर मांग के बीच वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर तिमाही में धीमी वृद्धि दर्ज कर सकता है। इस क्षेत्र को अर्थव्यवस्था में नरमी और कड़ी प्रतिस्पर्धा की वजह से दबाव का सामना करना पड़ सकता है। सुस्त वृद्धि की वजह से कीमत कटौती भी मूल्य वृद्धि को एक अंक से आगे पहुंचाने में सक्षम नहीं हो सकती है।
पेंट निर्माण के लिए सकारात्मक बदलाव है मुख्य कच्चे माल की कीमतों में गिरावट। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने से इन कंपनियों को मदद मिल सकती है। जहां इससे मार्जिन बढ़ाने में मदद मिल सकेगी, वहीं निवेशक इस क्षेत्र पर ज्यादा उत्साह दिखाने से पहले बिक्री वृद्धि के संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।
कमजोर धारणा को देखते हुए यह कोई चौंकाने वाली बात नहीं है कि पिछले छह महीनों में इस क्षेत्र में बड़ी सूचीबद्ध कंपनियों का औसत रिटर्न बेंचमार्क का महज एक तिहाई यानी 4.5 फीसदी है। न्यून आधार के बावजूद, बाजार दिसंबर तिमाही में पेंट कंपनियों से कुछ कमजोर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहा है।
इलारा कैपिटल के विश्लेषक अमित पुरोहित का कहना है, ‘कुल मिलाकर अच्छे सुधार के अनुमान के मुकाबले मांग तीसरी तिमाही में नरम बनी हुई है। इसकी वजह है लंबे समय तक त्योहारी और शादियों का सीजन। जहां अक्टूबर में त्योहारी सीजन की मांग में बदलाव की वजह से सालाना आधार पर मजबूती दर्ज की गई, वहीं दीवाली के बाद बिक्री में कमजोरी आई और तीसरी तिमाही में संपूर्ण बिक्री वृद्धि पर इसका प्रभाव देखा जा सकता है।’
पिछली तिमाहियों के मुकाबले, पेंट कंपनियों की बिक्री वृद्धि सितंबर तिमाही में कमजोर रही। बाजार दिग्गज एशियन पेंट्स ने पिछली दो तिमाहियों में दो अंक की वृद्धि के बाद बिक्री में 6 प्रतिशत की तेजी दर्ज की। दिसंबर तिमाही की बिक्री भी कमजोर रहने का अनुमान है।
कंपनी के लिए तीसरी तिमाही में दो अंक की वृद्धि फिर से दर्ज करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कमजोर बिक्री वृद्धि के साथ साथ सुस्त मूल्य वृद्धि से दिसंबर तिमाही में राजस्व पर दबाव पड़ने की आशंका है। कम महंगे पेंट की कीमतों में गिरावट और 1-2 प्रतिशत की ताजा कीमत कटौती का पेंट कंपनियों की मूल्य वृद्धि पर प्रभाव पड़ने की आशंका है।
इलारा कैपिटल का कहना है, ‘हमारा मानना है कि मूल्य वृद्धि मध्य से निचले स्तर तक एक अंक में रह सकती है।’
वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही का रुझान सितंबर तिमाही के समान रह सकता है। सितंबर तिमाही में एशियन पेंट्स ने सपाट राजस्व वृद्धि दर्ज की थी। कंपनी की बिक्री वृद्धि पर विपरीत उत्पाद मिश्रण (-5 प्रतिशत के प्रभाव) और कारोबारी विस्तार के अभाव का असर पड़ा था।
दूसरी तरफ, बर्जर पेंट्स ने दूसरी तिमाही में 11 प्रतिशत की कुल बिक्री वृद्धि के साथ बेहतर प्रदर्शन किया और तीसरी तिमाही में भी उसकी यह वृद्धि दो अंक में बने रहने का अनुमान है।
कंपनी ने ऊंची बिक्री की मदद से पिछली तिमाही में 4 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज की और मॉनसून के लंबे समय तक चलने पर उस पर अन्य कंपनियों के मुकाबले काफी कम प्रभाव पड़ा। मॉनसून के लंबा खिंचने से एक्स्टीरियर और इंटीरियर प्रीमियम एमल्सन सेगमेंट प्रभावित हुए।
भले ही राजस्व और मांग वृद्धि सुस्त रहने का अनुमान है, लेकिन पेंट कंपनियों को कच्चे माल की कीमतों में नरमी आने से फायदा हो सकता है। नोमुरा रिसर्च द्वारा इस महीने के शुरू में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया कि टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की कीमत तिमाही आधार पर 4 प्रतिशत घटी।
इसका इस्तेमाल पेंट कंपनियां मुख्य कच्चे माल के तौर पर करती हैं। वहीं एक साल पहले की तिमाही के मुकाबले टाइटेनियम डाई ऑक्साइड की कीमत 6 प्रतिशत तक घटी है। कंपनियों ने प्रतिस्पर्धी बने रहने और मांग को ध्यान में रखते हुए कीमतों में कटौती पर जोर दिया है।
एशियन पेंट्स और बर्जर पेंट्स का सकल मार्जिन सितंबर तिमाही में पिछले 10-11 तिमाहियों के मुकाबले सर्वाधिक रहा, क्योंकि इन कंपनियों को कच्चे माल की कीमतों में नरमी से मदद मिली। भविष्य में 18-20 प्रतिशत मुनाफे की उम्मीद कर रही एशियन पेंट्स का परिचालन मुनाफा मार्जिन 20.2 प्रतिशत रहा।
वहीं बर्जर पेंट्स का मानना है कि उसका परिचालन मुनाफा मार्जिन चालू वर्ष में 16-17 प्रतिशत के स्तर पर बना रहेगा। जहां कमजोर जिंस कीमतों से कंपनियों को मदद मिल सकती है, वहीं बाजार मार्च तिमाही में ग्रासिम के पेंट पोर्टफोलियो की शुरुआत को देखते हुए सतर्क है। इससे मुख्य ध्यान बिक्री और बाजार भागीदारी पर केंद्रित हो सकता है और मुनाफा प्रभावित हो सकता है।
मौजूदा भाव पर, एशियन पेंट्स अपने वित्त वर्ष 2025 के आय अनुमानों के 5 गुना पर कारोबार कर रहा है, जबकि बर्जर पेंट्स 49 गुना से कम पर उपलब्ध है। जहां मूल्यांकन कंपनीके दीर्घावधि औसत से नीचे है, वहीं प्रतिस्पर्धी दबाव से अल्पावधि में पीई वृद्धि में ज्यादा तेजी नहीं आ सकती है।