राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) जल्द ही अपनी ओवर द टॉप (ओटीटी) सेवा शुरू करने जा रहा है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान एनएफडीसी पीछे छूट गया था मगर अब यह परियोजना को समर्थन देना दोबारा शुरू करेगा। एनएफडीसी ने गांधी और जाने भी दो यारो जैसी फिल्में बनाने में सहयोग दिया है।
सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्व चंद्र ने कहा कि एनएफडीसी नेटफ्लिक्स की तरह अपनी एक ओटीटी सेवा भी शुरू करेगा जिसमें लोग इसकी फिल्में देख पाएंगे। चंद्र ने फिक्की फ्रेम्स के सालाना कार्यक्रम में कहा, हमारा मानना है कि एनएफडीसी पिछले 8-10 वर्षों से अधिक सक्रिय नहीं रहा है। हमें दोबारा सक्रियता दिखानी होगी और ऐसे युवा फिल्म निर्माताओं को आगे बढ़ाना होगा जो किसी न किसी कारण से आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। हम एनएफडीसी की ओटीटी सेवा भी शुरू करेंगे।
चंद्र ने कहा कि इस ओटीटी सेवा से उन क्षेत्रों में रहने वाले उन लोगों को फिल्में देखने का मौका मिलेगा जिनके पास थिएटर में जाकर फिल्म देखने का विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने देश की फिल्म धरोहर को सहेज कर रखने के लिए 500 करोड़ रुपये की एक परियोजना की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द एक योजना भी शुरू करेगी जिसके तहत फिल्मों से लगाव रखने वाले लोग अपनी पसंद की फिल्में सहेज कर रखने में मदद के लिए आर्थिक अंशदान दे सकते हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पुणे में धरोहर परियोजना पर काम शुरू हो चुका है मगर फिल्में एवं लघु फिल्में सहेज कर रखने के लिए सरकार के पास पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार संसद के मॉनसून सत्र में सिनेमेटोग्राफ अधिनियम में संशोधन कर सकती है। चंद्रा ने कहा कि इस संशोधन के बाद उन लोगों एवं इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी जो चुराई गई सामग्री का वितरण करते हैं। उन्होंने कहा कि एनिमेशन एवं गेमिंग क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं जिसे देखते हुए सरकार स्कूल के स्तर से प्रतिभावान लोगों को प्रोत्साहित करने पर भी विचार कर रही है।
चंद्रा ने कहा कि मुंबई में 20 एकड़ में बन रहे राष्ट्रीयता उत्कृष्टता केंद्र का उद्घाटन अगले वर्ष किया जाएगा। हालांकि, उन्होंने कहा, वह फिल्म सिटी की हालत देखकर काफी दुखी हैं। मुझे यह सोचकर दुख हो रहा है कि पिछले 35 वर्षों के दौरान बुनियादी ढांचे के विकास के दृष्टिकोण से परिसर में कोई सुधार नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा कि विभिन्न ओटीटी पर दिखाई जा रही सामग्री को लेकर मंत्रालय सावधानी से कदम बढ़ा रहा है और यह चाहता है कि यह उद्योग (ओटीटी) स्व-नियमन पर अधिक से अधिक ध्यान दें और अनर्गल सामग्री दिखाने से परहेज करे। चंद्र ने कहा कि ऐसी शिकायतें सुनने में आ रही हैं कि ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री में अभद्र भाषाओं का इस्तेमाल हो रहा है। इस बीच, सलाहकार कंपनी ईवाई ने कहा है कि देश में मीडिया एवं मनोरंजन बाजार फिलहाल 3 लाख करोड़ से अधिक हो चुका है।