पेइंग गेस्ट (PG) और होस्टल के किराए पर 12 प्रतिशत वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगेगा। कर्नाटक के अग्रिम निर्णय प्राधिकरण (एएआर) ने श्री साईं लक्जरी स्टे एलएलपी के मामले में स्पष्ट किया कि केवल रहने के लिए इस्तेमाल होने वाले आवास का किराया ही जीएसटी से छूट के योग्य है।
कुछ समय पहले तक आवास में रहने और एक दिन के 1000 रुपये से कम के किराए वाले होटल, धर्मशाला या गेस्ट हाउस पर कोई जीएसटी नहीं था। सरकार ने 13 जुलाई, 2002 को अधिसूचना जारी कर एक दिन के 1000 रुपये से कम के होटलों और गेस्ट हाउसों की जीएसटी में मिली छूट समाप्त कर दी थी। यह अधिसूचना इस साल 18 जुलाई से लागू हुई थी।
श्रीसाईं कर्नाटक में पीजी और होस्टल का विकास व प्रबंधन करता है। उसने तर्क दिया कि इन स्थानों का इस्तेमाल रहने के लिए किया जाता है। लिहाजा कोई जीएसटी नहीं लगना चाहिए।
एएआर ने पाया कि याचिकाकर्ता किराए पर रहने वाले स्थान को लेता है। कंपनी एक कमरे में जितने भी लोग रहते हैं उनसे किराया वसूल करती है। एएआर ने पाया कि अनजान लोग एक कमरे में रहते हैं।
याचिकाकर्ता ने स्वीकार किया कि जिन लोगों को रहने का स्थान दिया जाता है, उन्हें व्यक्तिगत रूप से खाना बनाने की सुविधा नहीं मुहैया करवाई जाती है। खाना बनाने की इजाजत भी नहीं दी जाती है। लिहाजा एएआर ने स्पष्ट किया कि यह स्थायी आवास नहीं है।
कर के विशेषज्ञों का अनुमान है कि एएआर का यह आदेश अन्य राज्यों पर भी लागू होने की स्थिति में पीजी और होस्टल को व्यक्तिगत तौर पर खाना बनाने की सुविधा नहीं मुहैया करवाने और एक कमरे को अनजान पक्षों को देने की स्थिति में 12 प्रतिशत जीएसटी अदा करना पड़ सकता है।
एकेएम ग्लोबल के साझेदार संदीप सहगल ने कहा कि एएआर के फैसले से आतिथ्य क्षेत्र पर लागू जीएसटी की सूक्ष्म जटिलता उजागर होती है।