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NHAI ने सख्त किए ठेकेदारों के कर्मियों के पैमाने, बढ़ते हादसे देख उठाया कदम

देश में 33 फीसदी सड़क दुघर्टनाएं और दुर्घटना में होने वाली 36 फीसदी मौतें राष्ट्रीय राजमार्ग पर होती हैं।

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ध्रुवाक्ष साहा   
Last Updated- November 14, 2023 | 10:24 PM IST

राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के निर्माण में ठेकेदारों द्वारा खामी और लापरवाही के कई मामले सामने आने के बाद भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने इनके लिए ठेकेदारों तथा उनके उप-ठेकेदारों द्वारा तैनात किए जाने वाले पेशेवरों के लिए जरूरी न्यूनतम योग्यता और अनुभव के नियम सख्त कर दिए हैं।

अब ठेकेदार राष्ट्रीय राजमार्ग इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) परियोजना के लिए उसी पेशेवर को काम पर रख सकते हैं, जिसके पास बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में काम करने का कम से कम 10 से 15 साल का अनुभव हो।

अधिकारियों के अनुसार इस कदम से परियोजना प्रबंधक, गुणवत्ता प्रबंधक, सेतु इंजीनियर और सुरक्षा प्रबंधक जैसे प्रमुख पदों पर अयोग्य पेशेवरों को तैनात कर खानापूरी करने की ठेकेदारों की आदत पर अंकुश लगेगा।

राजमार्ग प्राधिकरण के मानक ईपीसी ठेके में पहले ही ऐसा प्रावधान है, जिसके कारण डिजाइनिंग एवं क्रियान्वयन फर्म ऐसे पेशेवर रखती है, जो उद्योग से जुड़े अपने कार्यों में उचित और पर्याप्त योग्यता, कुशलता तथा अनुभव रखते हैं।

एनएचएआई के एक अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमें फील्ड अधिकारियों से ऐसे कई मामलों की शिकायत मिली है जहां ठेकेदार ने ‘उद्योग के अच्छे तौर तरीके’ शब्द में अस्पष्टता का फायदा उठाकर राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए कम योग्य एवं कम अनुभवी कर्मचारियों रख लिए हैं। इसलिए प्राधिकरण ऐसे पैमाने बनाना चाहता है, जिनके जरिये ठेकेदारों को जवाबदेह बनाया जा सकता है।’

राजमार्गों की गुणवत्ता पर काफी आलोचना का सामना करने के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने यह कदम उठाया है। खास तौर पर पहाड़ी इलाकों जैसे जोखिम भरे क्षेत्रों में मॉनसून के कारण आई बाढ़ से सड़क का पूरा का पूरा हिस्सा बरबाद होने के कारण राजमार्गों की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।

12 नवंबर को उत्तराखंड के सिलक्यारा में एक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर 40 श्रमिक फंस गए थे। वे सिलक्यारा पोर्टल से सुरंग के अंदर 260-265 मीटर की दूरी पर मरम्मत का काम कर रहे थे और उसी समय सुरंग धंस गई। ठेकेदार के रजिस्टर के हिसाब से उसमें काम कर रहे सभी 40 श्रमिक अंदर फंस गए। राज्य आपदा बचाव अधिकारी उन्हें निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

दुर्घटना में होने वाली 36 फीसदी मौतें राष्ट्रीय राजमार्ग पर

सड़कों की गुणवत्ता विकसित देशों की तरह करने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी योजना एवं कार्यान्वयन से जुड़े नियमों में अमूलचूल बदलाव के लिए भी तैयार हैं।

वर्ष 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में हुई मौतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थीं और सड़क सुरक्षा मानदंड में सुधार की जरूरत हो रही है। देश के कुल सड़क नेटवर्क का केवल 2 फीसदी हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग के अंतर्गत आता है मगर 33 फीसदी सड़क दुघर्टनाएं और दुर्घटना में होने वाली 36 फीसदी मौतें राष्ट्रीय राजमार्ग पर होती हैं। राष्ट्रीय राजमार्गों पर मौत के मामले 2021 से 2022 के बीच 9 फीसदी बढ़ गए हैं।

इस बीच एनएचएआई ने परियोजनाएं अटकने और देर होने के कारण लागत बढ़ने की आशंका घटाने के लिए भूमि अधिग्रहण संबंधी मानदंडों में भी बदलाव किया है। अब सलाहकारों को राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं के लिए तीन सबसे वांछित मार्ग की योजना भेजनी होती है और पीएम गति शक्ति के जरिये उसकी व्यवहार्यता भी जांचनी होती है।

First Published : November 14, 2023 | 10:22 PM IST