मॉर्गन स्टैनली इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स ने भारतीय अक्षय ऊर्जा कंपनी कन्टिनुअम ग्रीन एनर्जी की उस योजना को सहारा दिया है, जिसके तहत वह फ्लोटिंग दर वाले 40 करोड़ डॉलर के बॉन्ड को तय दर वाली प्रतिभूतियों में बदलेगी ताकि ब्याज दर का जोखिम समाप्त हो और मुद्रा के जोखिम में कमी आए।
मौजूदा स्तर से फंडिंग की कम लागत के बावजूद ब्याज के मद में बचत काफी कम होगी। इसकी वजह बड़ी रकम की प्रतिभूतियां जारी करने का प्रस्ताव है।
रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स के मुताबिक, अब कन्टिनुअम को ब्याज दर के जोखिम का सामना नहीं करना होगा या सुरक्षित ओवरनाइट फाइनैंसिंग की दरों में बदलाव से उसे परेशानी नहीं होगी।
एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कन्टिनुअम को बी प्लस लॉन्ग टर्म इश्युअर क्रेडिट रेटिंग दी
14 अगस्त, 2023 को एसऐंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कन्टिनुअम को बी प्लस लॉन्ग टर्म इश्युअर क्रेडिट रेटिंग दी है। साथ ही वरिष्ठ सुरक्षित नोट्स को बी प्लस की लंबी अवधि की रेटिंग मिली है, जिसे कन्टिनुअम एनर्जी ऑरा पीटीई की तरफ से जारी करने का प्रस्ताव है।
भारत की अक्षय ऊर्जा उत्पादक कन्टिनुअम पर अब मुद्रा का कम जोखिम होगा, जिसकी वजह प्रस्तावित बॉन्ड के लिए हेजिंग कम आक्रामक होना है। कंपनी अपने प्रस्तावित नोट्स के लिए कॉस करेंसी एक्सपोजर की पूरी हेजिंग का इरादा रखती है जबकि मौजूदा समय में उसने पूरी अवधि के बजाय कम अवधि के लिए हेजिंग की है। कन्टिनुअम कॉल स्प्रेड ऑप्शन स्ट्रक्चर के जरिये हेजिंग करेगी, जो भारत की ज्यादातर अक्षय ऊर्जा कंपनियों जैसी है।
ग्रीन एनर्जी कंपनियों को कम भीड़भाड़ वाले व ज्यादा लाभकारी वाणिज्यिक व औद्योगिक ऊर्जा बाजार में अलग स्थिति का फायदा मिलता है और प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले रिसीवेबल्स का संग्रह तेजी से होता है। एजेंसी ने कहा, हालांकि कन्टिनुअम का छोटे स्तर पर कारोबार और परियोजना में सीमित विविधता व उच्च लिवरेज उसकी क्रेडिट प्रोफाइल को अवरोधित करता है।