भारतीय बीमा नियामक व विकास प्राधिकरण के सदस्य (जीवन) बीसी पटनायक ने कहा कि भारत के बीमा क्षेत्र को प्रशासन व मार्केटिंग में मानव संसाधन की कमी का सामना कर रहा है। लिहाजा इस क्षेत्र को मानव पूंजी में निवेश करना चाहिए।
पटनायक ने मंगलवार को बीमा सम्मेलन में कहा, ‘बीमा कंपनियों के प्रशासनिक व मार्केटिंग खंडों में मानव संसाधन के निवेश की कमी स्पष्ट रूप से उजागर है।’ उन्होंने कहा कि इन कंपनियों में कुशल विशेषज्ञों की कमी से प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) पर भी प्रभाव पड़ा है। बीमा क्षेत्र की इन ज्यादातर कंपनियों का संपत्ति मूल्य 10,000 करोड़ रुपये से कम है।
मार्च, 2022 को वित्त वर्ष की समाप्ति पर बीमा क्षेत्र का कुल एयूएम 55 लाख करोड़ रुपये था। इसमें जीवन बीमा उद्योग के एयूएम की हिस्सेदारी 50 लाख करोड़ रुपये थी और गैर जीवन बीमा उद्योग के एयूएम की हिस्सेदारी पांच लाख करोड़ रुपये थी।
टाटा एआईजी जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्याधिकारी नीलेश गर्ग ने मानव पूंजी व संसाधनों में निवेश की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘वर्ष 2047 तक सभी के लिए बीमा के लक्ष्य को हासिल करने के लिए उद्योग की नई सोच व मानव पूंजी की जरूरत है। इस क्रम में मानव पूंजी सबसे महत्त्वपूर्ण है। इस क्षेत्र की सफलता की कुंजी मानव संसाधन को प्रशिक्षित व इस क्षेत्र में बनाए रखना है।’