विमानन कंपनी इंडिगो (Indigo) को ईंधन शुल्क से प्रति सप्ताह 90 करोड़ से 100 करोड़ रुपये तक की कमाई होने की उम्मीद है। इसके अधिकारियों ने आज यह जानकारी दी। यह शुल्क विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि होने के कारण 6 अक्टूबर से टिकट की कीमतों में लगाया गया था।
भारतीय विमानन कंपनियों की लागत में एटीएफ सबसे बड़ा व्यय होता है। उनके कुल राजस्व का लगभग 45 प्रतिशत भाग इसमें खपता है। 1 जून से 1 अक्टूबर तक दिल्ली में एटीएफ की कीमतें 32.4 प्रतिशत बढ़कर 1.18 लाख रुपये प्रति किलोलीटर तक पहुंच चुकी हैं।
एक अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘हमारा मानना है कि अगर ईंधन शुल्क दिसंबर तक प्रभावी रहता है तो हम तीसरी तिमाही (अक्टूबर से दिसंबर तक) में अपने कुल राजस्व का लगभग सात से आठ प्रतिशत भाग इससे अर्जित कर सकेंगे।’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि विमानन कंपनी को ईंधन शुल्क से प्रति सप्ताह लगभग 90 करोड़ से 100 करोड़ रुपये तक की कमाई होने की उम्मीद है। इंडिगो के प्रवक्ता ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।
वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने 17,161 करोड़ रुपये की कुल समेकित आय हासिल की थी और 3,090.6 करोड़ रुपये का अब तक का अपना सर्वाधिक तिमाही समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया था। पिछले साल की अक्टूबर से दिसंबर तक अवधि के दौरान कंपनी की कुल आय और शुद्ध लाभ क्रमश: 15,410 करोड़ रुपये और 1,423 करोड़ रुपये था।
6 अक्टूबर से इंडिगो ने 500 किलोमीटर तक की दूरी वाली उड़ानों के लिए 300 रुपये और 501 से 1,000 किलोमीटर तक की दूरी वाली उड़ानों के लिए 400 रुपये का ईंधन शुल्क लगाया है। इस प्रकार की श्रेणीबद्ध वृद्धि सभी उड़ान श्रेणियों पर लागू की गई है, जिसमें 3,501 किलोमीटर और उससे अधिक की दूरी तय करने वाली उड़ानों पर 1,000 रुपये का ईंधन शुल्क लगेगा।