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India-Britain FTA: भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत पूरी होने की ओर

भारत के साथ व्यापार समझौता अहम है क्योंकि ब्रेक्जिट के बाद वह दुनिया से व्यापार समझौते की कवायद कर रहा है।

Last Updated- October 05, 2023 | 9:22 PM IST
India-UK free trade agreement

भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित महत्त्वाकांक्षी मुक्त व्यापार वार्ता (FTA) को अंतिम रूप देने के लिए दोनों देशों के अधिकारियों ने कवायद तेज कर दी है। दोनों देशों के बीच विवादास्पद मुद्दों के समाधान के लिए अंतिम कवायद की जा रही है। इस महीने के आखिर तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भारत की यात्रा पर आ सकते हैं।

वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल ब्राजील की 4 दिन की यात्रा पूरी कर बुधवार को लंदन पहुंच गए। बड़थ्वाल के अलावा भारत की ओर से बातचीत में शामिल प्रमुख अधिकारियों का दल भी जल्द लंदन पहुंच सकता है। मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि पिछले साल जनवरी में शुरू हुई बातचीत में आगे बढ़ने की उम्मीद है।

अब तक दोनों देशों के बीच 13 दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है। इसके पहले की बातचीत 18 सितंबर को शुरू हुई थी और उस चर्चा के अतिरिक्त कुछ मसलों पर दोनों देशों के बीच वर्चुअल बातचीत भी हुई है।

उपरोक्त उल्लिखित व्यक्ति ने कहा, ‘ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक इस महीने के अंत तक एक बार फिर भारत (इसके पहले जी20 सम्मेलन में आए थे) आ सकते हैं और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक कर सकते हैं। अगर तब तक बातचीत पूरी हो ताजी है तो सुनक के दौरे के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर हो सकता है।’

उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्षों से इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि समझौते को इस महीने के अंत तक अंतिम रूप दिए जाने का लक्ष्य है। बहरहाल आवाजाही, ह्विस्की के लिए बाजार तक व्यापक पहुंच के अलावा कुछ अन्य मसलों को हल किया जाना अभी बाकी है।’

कनाडा के साथ एफटीए पर बातचीत रोक दी गई है। ऐसे में भारत इस साल सिर्फ ब्रिटेन के साथ बड़े एफटीए पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद कर सकता है।

किसी भी हाल में भारत 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले इस साल के अंत तक समझौते को अंतिम रूप दे देगा। यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ व्यापार समझौता भी अभी दूर नजर आ रहा है क्योंकि सरकारी अधिकारियों का मानना है कि यह बातचीत ज्यादा पेंचीदा है और इसे अंतिम रूप देने में कम से कम एक साल लग सकते हैं।

इसी तरह से ब्रिटेन के लिए भारत के साथ व्यापार समझौता अहम है क्योंकि ब्रेक्जिट के बाद वह दुनिया से व्यापार समझौते की कवायद कर रहा है। भारत बड़ा बाजार है और ब्रिटेन इसके साथ व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है।

इस व्यापार वार्ता में कई व्यवधान आए। इसमें पिछले साल ब्रिटेन की राजनीति में उठापटक से लेकर लंदन में खालिस्तान के समर्थन में प्रदर्शन, भारत के प्रमुख राज्यों में चुनाव जैसे मसले शामिल रहे। इनकी वजह से दोनों देशों के बीच बातचीत सुस्त रही है।

दोनों देशों के बीच कुछ विवादास्पद मसले हैं। भारत उदारीकृत आव्रजन नीति चाहता है और ब्रिटेन की मांग है कि ह्विस्की और ऑटोमोबाइल पर कर कम किया जाए और साथ ही भारत के कानून, आर्किटेक्चर और वित्तीय सेवाओं को खोला जाए।

पिछले महीने एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा था कि दोनों देशों ने द्विपक्षीय निवेश समझौते के साथ ‘ओरिजिन के नियम’ को लेकर बातचीत में बेहतर प्रगति की है ।

पिछले महीने एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘दोनों देश महत्त्वाकांक्षी समझौता चाहते हैं, जो दोनों के लिए फायदेमंद हो और हम इस बातचीत को किसी समय सीमा में नहीं बांध रहे हैं। यह समझौता दोनों देशों के नागरिकों और हिस्सेदारों के लिए लाभदायक होना चाहिए। अच्छी प्रगति हुई है। कुछ मसले हैं, जिनका हम जल्द समाधान करने जा रहे हैं।’

वित्त वर्ष 23 के दौरान ब्रिटेन भारत का 15वं बड़ा व्यापारिक साझेदार था। भारत ने चालू वित्त वर्ष के शुरुआती 3 महीनों में 4.5 अरब डॉलर के वस्तुओं का निर्यात और 2 अरब डॉलर के वस्तुओं का आयात किया है।

First Published - October 5, 2023 | 9:22 PM IST

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