देश में जैसे-जैसे छोटे एवं एकल परिवारों का दायरा बढ़ रहा है, वैसे ही भारतीयों के उपभोग की आदतों में भी बदलाव दिख रहा है। कैंटर की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
इस रिपोर्ट के मुताबिक बड़े परिवारों में जरूरी नहीं कि सामान के बड़े पैक ही खरीदे जाएं। इसमें इस बात का जिक्र भी है कि एकल परिवारों में घर और साफ-सफाई से जुड़े सामानों जैसे फ्लोर क्लीनर और बर्तन साफ करने से जुड़े सामान, स्नैक्स और बेवरिज की मांग बड़े पैमाने पर की जा रही है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि प्रीमियम सेगमेंट के सामान की खपत भी एकल परिवारों में अपेक्षाकृत अधिक है। एकल परिवारों में वॉशिंग पाउडर की खपत 68 प्रतिशत और संयुक्त परिवारों में 50 प्रतिशत है।
एफएमसीजी सामान में भी बढ़ रहा है प्रीमियम श्रेणी का दायरा
वहीं चाय के मामले में संयुक्त परिवारों में यह संख्या 19 फीसदी है जबकि एकल परिवारों में यह आंकड़ा 38 फीसदी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जरूरी नहीं कि संयुक्त परिवार के लोग उपभोग के लिए बड़े पैक पसंद करें बल्कि परिवारों के छोटे होने से एफएमसीजी सामान में भी प्रीमियम श्रेणी का दायरा बढ़ रहा है।
कैंटर में वर्ल्डपैनल डिविजन के प्रबंध निदेशक (दक्षिण एशिया) के. रामकृष्णन ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘जनसंख्या में वृद्धि की तुलना में अधिक परिवार बन रहे हैं और यह मूल रूप से इसलिए है क्योंकि परिवार का आकार छोटा हो रहा है और एकल परिवार बढ़ रहे हैं।’
उन्होंने समझाया, ‘संपन्नता के मामले में, एकल परिवार या संयुक्त परिवार समान है और दोनों तरह के परिवारों में खपत भी समान है। लेकिन, यदि आप प्रति व्यक्ति के हिसाब से खपत का जायजा लेते हैं तो इसमें अंतर दिखता है। हम जो अंतर देख रहे हैं वह यह है कि एकल परिवारों में खपत ज्यादा है और उनका झुकाव प्रीमियम ब्रांडों की ओर थोड़ा अधिक है।’
कैंटर ने उपभोक्ताओं की पहुंच के अंक (सीआरपी) के आधार पर सबसे अधिक चुने गए इन-होम और आउट-ऑफ-होम एफएमसीजी ब्रांडों से जुड़ी अपनी रिपोर्ट जारी की और पाया कि पारले लगातार 11 वें साल भी रिकॉर्ड स्तर पर इन-होम सेगमेंट में शीर्ष स्थान पर है, इसके बाद ब्रिटानिया, अमूल, क्लिनिक प्लस और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स का स्थान है। पारले का सीआरपी स्कोर 744.9 करोड़ था।
आउट-ऑफ-होम श्रेणी में ब्रिटानिया ने 49.8 करोड़ सीआरपी के साथ शीर्ष स्थान हासिल किया। इसके बाद हल्दीराम, कैडबरी, बालाजी और पारले का स्थान था। इनमें से शीर्ष पांच सभी स्नैक्स के ब्रांड हैं।
बालाजी, लक्स, सनसिल्क, निरमा, 2022 में बिलियन सीआरपी क्लब में शामिल
रिपोर्ट में कहा गया है कि चार नए ब्रांड, बालाजी, लक्स, सनसिल्क, निरमा, 2022 में बिलियन सीआरपी क्लब में शामिल हो गए। पिछले पांच वर्षों में, बिलियन सीआरपी क्लब में ब्रांडों की संख्या 16 से बढ़कर 28 हो गई है।
इसमें कहा गया है कि वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में पेय पदार्थ सबसे तेजी से बढ़ने वाली श्रेणी थी। वहीं 2021 की तुलना में 2022 में पेय पदार्थों में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कैंटर ने यह भी कहा कि सीआरपी के मामले में आधे से अधिक ब्रांडों में वृद्धि हुई है और खाद्य और पेय पदार्थ की श्रेणियों में यह संख्या सबसे अधिक है।