डेट फंड कराधान में बदलाव की वजह से म्युचुअल फंडों (MF) द्वारा नई योजनाओं की पेशकश धीमी पड़ी है। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के आंकड़े से पता चलता है कि इस वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर,2023) के दौरान, फंड हाउसों ने 73 नई फंड पेशकशें (एनएफओ) कीं, जबकि वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में यह संख्या 183 थी।
हालांकि इक्विटी और हाइब्रिड फंड पेशकशों की ऊंची भागीदारी से औसत संग्रह में इजाफा हुआ है। मौजूदा वित्त वर्ष में एनएफओ का आकार करीब 378 करोड़ रुपये रहा, जबकि वित्त वर्ष 2023 की दूसरी छमाही में यह लगभग 226 करोड़ रुपये था।
कुल मिलाकर, एनएफओ से वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में 27,600 करोड़ रुपये जुटाए गए, जबकि इससे पहले ही 6 महीने की अवधि में यह आंकड़ा करीब 41,300 करोड़ रुपये रहा।
वित्त वर्ष 2023 में डेट फंडों (ओपन-एंडेड और क्लोज्ड –एंडेड, दोनों समेत) में मुख्य तौर पर एनएफओ ज्यादा शामिल थे। हालांकि कराधान में बदलाव की वजह से नए डेट फंडों में कमी आई है। वित्त वर्ष 2023 में, कुल 79 ऐक्टिव और 64 पैसिव डेट फंड योजनाएं पेश की गईं। तुलनात्मक तौर पर, वित्त वर्ष 2024 के पहले 6 महीनों में सिर्फ सात डेट फंड पेश किए गए हैं।
डेट फंड कर लाभ कम होने से, म्युचुअल फंड हाइब्रिड योजनाओं पर जोर दे रहे हैं। म्युचुअल फंडों ने वित्त वर्ष 2024 के पहले 6 महीनों में विभिन्न हाइब्रिड श्रेणियों में 9 योजनाएं पेश की हैं, जो मुख्य तौर पर बैलेंस्ड एडवांटेज, मल्टी-ऐसेट और आर्बिट्राज क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं।
फंड हाउस परिसंपत्ति आवंटन और कराधान के नजरिये से अपनी योजनाओं में विविधता लाना चाहते हैं। दो फंड हाउसों 360 वन और व्हाइटओक कैपिटल ने बैलेंस्ड हाइब्रिड के तौर पर कम चर्चित श्रेणी में अपनी योजनाएं पेश की हैं। ये योजनाएं फंड प्रबंधकों को इक्विटी और डेट के बीच निवेश बदलाव की स्वायत्तता के संदर्भ में बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों (बीएएफ) से अलग हैं।
बैलेंस्ड हाइब्रिड फंडों में, फंड प्रबंधकों को न्यूनतम 40 प्रतिशत निवेश इक्विटी और डेट, दोनों में बनाए रखने की जरूरत होती है। वहीं बीएएफ में, फंड प्रबंधक इक्विटी और डेट का अनुमान स्वयं तय करने के लिए स्वतंत्र होते हैं, हालांकि कई बीएएफ इक्विटी कराधान को ध्यान में रखकर न्यूनतम 65 प्रतिशत इक्विटी निवेश की सीमा का पालन करते हैं।
वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही में निफ्टी-50 सूचकांक 13 प्रतिशत चढ़ा, जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 में 42 प्रतिशत और 35 प्रतिशत की तेजी आई।