वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आज कहा कि सरकार केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) पर विचार कर रही है।
उद्योग संगठन फिक्की (FICCI) द्वारा आयोजित तीसरे ग्लोबल केमिकल्स ऐंड पेट्रोकेमिकल्स मैन्युफैक्चरिंग हब्स इन इंडिया में बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि वैश्विक विनिर्माताओं ने इस सेक्टर में भारत में दिलचस्पी दिखाई है, जिसमें करीब 80,000 उत्पाद शामिल होते हैं।
सीतारमण ने कहा, ‘हम इसके पक्ष में हैं कि भारत विनिर्माण केंद्र बने। ऐसे में निश्चित रूप से हम केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स के लिए पीएलआई योजना पर विचार करेंगे।’
सरकार ने इस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे दी: सीतारमण
सीतारमण ने कहा कि सरकार ने इस सेक्टर में 100 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दे दी है और साथ ही खतरनाक सामग्री को छोड़कर इस उद्योग को पूरी तरह नियमन से मुक्त उद्योग के दायरे में डाल दिया है।
उन्होंने कहा कि खासकर भारत में केमिकल्स का बाजार 2020 से 2025 के बीच 12 प्रतिशत संयुक्त सालाना वृद्धि दर की तेज रफ्तार से बढ़ने की संभावना है। इसे देश की मजबूत इंजीनियरिंग क्षमता, कम लागत की विनिर्माण क्षमता और पर्याप्त मानव संसाधन क्षमता से बल मिल रहा है।
पेट्रोकेमिकल्स में खासकर केमिकल्स की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत
भारत के कुल पेट्रोकेमिकल्स में खासकर केमिकल्स की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत है और इसका मूल्य 32 अरब डॉलर है।
सीतारमण ने कहा, ‘वैश्विक विनिर्माता अपने उत्पाद और क्षमता के विविधीकरण पर विचार कर रहे हैं। ऐसे में भारत न सिर्फ बड़ी घरेलू बाजार के साथ स्वागत करने को तैयार है, बल्कि निर्यात की भी संभावनाएं देख रहा है।’ वित्त वर्ष 23 के पहले 6 महीने में केमिकल्स और पेट्रोकेमिकल्स का संयुक्त निर्यात 9 अरब डॉलर रहा है, जबकि आयात 13.33 अरब डॉलर का रहा है। इनमें से ज्यादातर आयातित माल का उत्पादन भारत में हो सकता है।
सततता पर ध्यान देने की जरूरत
सीतारमण ने जोर दिया कि इस सेक्टर में काम कर रहे भारतीय कारोबारी तब तक वैश्विक दिग्गजों से साझेदारी नहीं कर सकते हैं, जब तक कि वह सततता के मानक पर खरे नहीं उतरते और यह वैश्विक मानकों के मुताबिक नहीं होता। इसके लिए भारत की एनडीसी प्रतिबद्धता के मुताबिक काम जरूरी है।
सीतारमण ने उद्योग से कहा, ‘यह जरूरी है कि रिकाइक्लिंग और फिर से इस्तेमाल हो सकने वाला हिस्सा आपके एजेंडे में ज्यादा हो। कुशल कचरा निपटान एवं प्रबंधन हो। साथ ही ज्यादा उत्सर्जन वाले संसाधनों का इस्तेमाल कम हो। इस पर आपको विचार करने की जरूरत है।’ केमिकल्स एवं पेट्रोकेमिकल्स और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री भगवंत खूबा ने कहा कि केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर केमिकल पार्क स्थापित करने पर काम कर रही है और प्लास्टिक पार्क स्थापित करने की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी है।