facebookmetapixel
Stocks To Watch Today: Airtel, Titan, Hero Moto समेत इन स्टॉक्स पर रहेगा निवेशकों का फोकसभारत ने जीता पहला महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप, खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू में 35% तक उछालप्राइवेट इक्विटी और इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश पर KKR की नजर, भारत में लंबी पारी खेलने को तैयारकच्चे तेल का आयात अमेरिका से बढ़ा, रूस से सप्लाई दमदारप्रधानमंत्री मोदी ने ₹1 लाख करोड़ के ‘RDI फंड’ की शुरुआत की, प्राइवेट सेक्टर में रिसर्च और इनोवेशन को मिलेगा बढ़ावावोडाफोन आइडिया को राहत! 2017 तक के एजीआर बकाये का होगा नए सिरे से आकलनEditorial: मौद्रिक नीति में पारदर्शिता जरूरी, RBI को सार्वजनिक करनी चाहिए रिपोर्टशहरी संकट: स्थानीय निकायों को वास्तविक स्वायत्तता और जवाबदेही देना समय की मांगसरकार ने सब्सिडी बढ़ाकर डीएपी का घाटा किया कम, फिर भी 900 रुपये प्रति कट्टे का नुकसान होने की आशंकासर्विस सेक्टर में सबसे आगे चंडीगढ़ और दिल्ली, सेवा केंद्रित हैं अधिक प्रति व्यक्ति आय वाले राज्य

न्यायालय के आदेश के खिलाफ Google ने वापस ली याचिका

तकनीकी दिग्गज ने अदालत को बताया कि यह आदेश तब पारित हुआ था जब सीसीआई के पास याचिका पर सुनवाई के लिए कोरम नहीं था।

Last Updated- December 07, 2023 | 10:19 PM IST
Google

Google ने गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल पीठ के उस आदेश के खिलाफ अपनी अपील वापस ले ली, जिसमें भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से गूगल के यूजर चॉइस बिलिंग सिस्टम के खिलाफ डिजिटल स्टार्टअप के समूह के आवेदनों पर सुनवाई के लिए कहा गया था।

तकनीकी दिग्गज ने अदालत को बताया कि यह आदेश तब पारित हुआ था जब सीसीआई के पास याचिका पर सुनवाई के लिए कोरम नहीं था। अब सीसीआई के पास कोरम है, ऐसे में गूगल यह याचिका वापस लेना चाहती है। सीसीआई ने कहा कि याचिका वापस लेने पर उसे कोई ऐतराज नहीं है।

दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने अप्रैल में सीसीआई से कहा था कि वह गूगल की बिलिंग पॉलिसी के खिलाफ अलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन (एडीआईएफ) की याचिका पर फैसला ले। गूगल ने इस आदेश के खिलाफ अपील की थी।

डिजिटल स्टार्टअप के समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले एडीआईएफ ने गूगल के न्यू इन-ऐप बिलिंग सिस्टम (जिसे यूजर च्वाइस बिलिंग सिस्टम कहा जाता है) को तब तक निलंबित करने के लिए याचिका दाखिल की थी जब तक कि सीसीआई के निर्देश की कथित गैर-अनुपालन पर प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच नहीं हो जाती।

एडीआईएफ ने आरोप लगाया था कि इन-ऐप पेमेंट के लिए थर्ड पार्टी बिलिंग सर्विसेज की इजाजत देने के नियामक के निर्देश के बावजूद गूगल ने उच्च सेवा शुल्क वाले यूएसबी सिस्टम सामने रख दिया।

स्टार्टअप के समूह ने कहा, उनकी व्यथा यह थी कि प्रतिस्पर्धा आयोग कोरम के अभाव में नई नीति को लेकर उसकी याचिका पर कदम उठाने में नाकाम रहा था।

First Published - December 7, 2023 | 10:00 PM IST

संबंधित पोस्ट