अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में वृहद आर्थिक माहौल काफी बेहतर है। साथ ही कहा कि अधिक वृद्धि हासिल करने के लिए इसे और अधिक संरचनात्मक सुधार करने की जरूरत है।
आईएमएफ एशिया-प्रशांत डिपार्टमेंट के निदेशक कृष्णा श्रीनिवासन ने एशिया-प्रशांत पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा, ‘कुल मिलाकर भारत में वृहद आर्थिक माहौल काफी अच्छा है और मुझे लगता है कि सिर्फ संरचनात्मक सुधार करने की जरूरत है।’
भारत को उच्च वृद्धि हासिल करने के लिए आवश्यक नीतिगत हस्तक्षेपों के संबंध में एक सवाल के जवाब में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के निदेशक ने कहा कि हालांकि भारत ने डिजिटलीकरण और सार्वजनिक बुनियादी ढांचा निर्माण में काफी प्रगति की है मगर आगे चलकर कारोबारी माहौल और निवेशकों के विश्वास को बेहतर बनाने के लिए और सुधारों की जरूरत पड़ेगी।
श्रीनिवासन ने कहा, ‘भारत राजकोषीय रूप से अनुशासित रहा है और देश के केंद्रीय बैंक ने भी महंगाई को कम करने के लिए तेजी से काम किया है जो एक तरह से व्यापक आर्थिक बुनियादी सिद्धांतों को मजबूत बनाता है। संरचनात्मक सुधार आगे की वृद्धि हासिल करने के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होंगे।’
उभरते बाजारों पर बॉन्ड प्रतिफल में तेज वृद्धि के प्रभाव पर एक अन्य सवाल के जवाब में श्रीनिवासन ने कहा कि सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों को कर्ज लेते समय सतर्क रहना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘जब ब्याज दरें बढ़ रही हैं तो मुझे लगता है कि यह ध्यान में रखना जरूरी है कि जिन क्षेत्रों में अत्यधिक लाभ उठाया जाता है उन्हें अधिक नुकसान होने की संभावना है। यह सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि अन्य देशों के लिए भी है कि वे सावधानी से ऋण लें।’
इस सप्ताह की शुरुआत में आईएमएफ ने अपने हालिया डब्ल्यूईओ में भारत के लिए वित्त वर्ष 2024 के वृद्धि अनुमान को 20 आधार अंक बढ़ाकर 6.3 फीसदी कर दिया था।