भारत के जी-20 के शेरपा अमिताभ कांत ने आज कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था का एक तिहाई हिस्सा 2023 में मंदी की चपेट में रह सकता है, ऐसे में यह अहम है कि जी-20 देश समावेशी, स्थिर और टिकाऊ वृद्धि दर पर जोर दें।
उद्योग संगठन सीआईआई के कार्यक्रम में बोलते हुए कांत ने कहा कि जी-20 देश और उनकी कंपनियां हरित तकनीक के सॉल्यूशन और टिकाऊ बेहतरीन गतिविधियों को अपनाकर मूल्यवर्धन कर सकती हैं।
कांत ने कहा, ‘इस समय विश्व का एक तिहाई हिस्सा मंदी की चपेट में है और 75 देश वैश्विक ऋण संकट का सामना कर रहे हैं। ऐसे में यह अहम है कि जी-20 देश समावेशी, स्थिर और टिकाऊ वृद्धि पर ध्यान दें और लोगों को गरीबी रेखा से ऊपर लाने के लिए काम करें।’
चालू कैलेंडर वर्ष में भारत जी-20 का अध्यक्ष है। देश भर में इसकी करीब 200 बैठकों की योजना बनाई गई है। फरवरी में भारत ने जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों, गवर्नरों और विदेश मंत्रियों की बैठक कराई थी।उन्होंने कहा, ‘जी-20 का प्राथमिक लक्ष्य विश्व के नागरिकों के जीवन स्तर में बदलाव लाना है। इसके लिए जरूरी है कि बेहतर वृद्धि हो और बेहतरीन शिक्षा, बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतर पोषण हर किसी को मिल सके।’