देश की सबसे बड़ी बिजनेस-टु-बिजनेस (बी2बी) ई-कॉमर्स फर्म उड़ान (Udaan) ने वैश्विक आर्थिक मंदी और तरलता की कमी की स्थिति के बीच सीरीज ई की फंडिंग में 34 करोड़ डॉलर जुटाए हैं।
यह साल 2023 में किसी कंपनी द्वारा एक ही दौर में जुटाई गई सर्वाधिक रकम की कवायद में से एक होगी। इससे यह संकेत मिलता है कि सौदों की रफ्तार धीरे-धीरे लौट रही है।
साल 2023 में बड़े स्तर पर रकम जुटाने की कवायद के लिहाज से उड़ान द्वारा यह रकम उगाही साल 2023 में तीसरी सबसे बड़ी कवायद होगी। फिनटेक फर्म फोनपे ने इस साल कुल 85 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई है। इसमें जनवरी में जनरल अटलांटिक से 35 करोड़ डॉलर का एक दौर भी शामिल था और उसके बाद मई में 10 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई गई थी।
आईवियर स्टार्टअप लेंसकार्ट ने मार्च में एडीआईए से 50 करोड़ डॉलर और जून में क्रिसकैपिटल से 10 करोड़ डॉलर की रकम जुटाई थी। ओला इलेक्ट्रिक ने अक्टूबर में 38 करोड़ डॉलर जुटाए थे, हालांकि इसमें से 24 करोड़ डॉलर का कर्ज था।
रकम जुटाने के इस नए दौर से पहले उड़ान ने निवेशकों से कुल 1.52 अरब डॉलर जुटाए थे। रकम जुटाने के इस दौर की अगुआई एमऐंडजी पीएलसी ने की। इसमें मौजूदा इक्विटी निवेशकों – लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स और डीएसटी ग्लोबल की भागीदारी भी शामिल रही।
इस फंडिंग में नए इक्विटी निवेश के संयोजन के साथ-साथ मौजूदा ऋण (परिवर्तनीय नोट) का इक्विटी में परिवर्तन शामिल है। इससे उड़ान की बैलेंस शीट मजबूत होगी। कंपनी ने इस बात का खुलासा नहीं किया कि क्या फंडिंग से कंपनी के मौजूदा 3.1 अरब डॉलर के मूल्यांकन में कोई बदलाव आया है या नहीं।
उड़ान ने कहा कि इस कवायद के साथ उसके कारोबार के पास पर्याप्त वित्त उपलब्ध है और अगले 12 से 18 महीने के दौरान लाभ कमाने का अपना उद्देश्य हासिल करने की राह पर है।
उड़ान के सह-संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी वैभव गुप्ता ने कहा कि सीरीज ई के इस दौर ने हमारी बैलेंस शीट मजबूत की है और हमारी कारोबारी योजना को पूरा वित्त उपलब्ध कराया है। यह हमारी वृद्धि और लाभ के निरंतर सफर को सक्षम कर रहा है, जिससे हम अगले 12 से 18 महीने में सार्वजनिक रूप से और बाजार के लिए तैयार हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय रूप से संचालित डिजाइन न केवल हमें अपने ग्राहकों के करीब लाएगा, बल्कि हमारे परिचालन को और अधिक सजग और कुशल भी बनाएगा। हम हमेशा की तरह देश के छोटे कारोबारों को सशक्त बनाने के अपने मिशन के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही विशिष्ट भारतीय और 100 अरब डॉलर के विशाल ईबी2बी बाजार के अवसर का द्वार भी खोल रहे हैं।