अदाणी समूह की कंपनियों के शेयर के दाम में गिरावट जारी है। इस बीच अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा जारी डॉलर बॉन्ड पर प्रतिफल ग्लोबल जंक बॉन्ड के पिछले औसत स्तर को पार कर गया है, जिसे लेकर कंपनी के डेट में निवेश करने वालों के बीच बहुत ज्यादा अनिश्चितता के संकेत मिल रहे हैं।
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि अदाणी ग्रीन एनर्जी द्वारा जारी 75 करोड़ डॉलर के बॉन्ड का इस समय प्रतिफल अंतरराष्ट्रीय द्वितीयक बाजारों में 31 प्रतिशत पर है, जो ग्लोबल जंक बॉन्डों के 8.4 प्रतिशत औसत की तुलना में बहुत ज्यादा है। विश्लेषकों के मुताबिक औसत निवेश ग्रेड प्रतिफल वैश्विक रूप से करीब 4.9 प्रतिशत है।
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों से पता चलता है कि अदाणी ग्रीन एनर्जी के 75 करोड़ डॉलर के बॉन्ड 4.375 प्रतिशत के कूपन पर जारी हुए थे, जिनकी परिपक्वता सितंबर 2024 है। बॉन्ड की कीमत और प्रतिफल विपरीत दिशा में चलते हैं।
अदाणी ग्रीन के डॉलर बॉन्ड प्रतिफलों में तेज बढ़ोतरी से न सिर्फ निवेशकों की असहजता बढ़ने का पता चलता है, बल्कि इससे दिग्गज कंपनी की विदेश से नया कर्ज लेने की क्षमता पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।
इक्रा में फाइनैंशियल सेक्टर रेटिंग्स के वाइस प्रेसीडेंट अनिल गुप्ता ने कहा, ‘किसी भी जारीकर्ता के लिए बॉन्ड प्रतिफल में वृद्धि का मतलब आमतौर पर निवेशकों में जोखिम से बचाव होता है। यह संभवतः नए फंड जुटाने पर भी असर डालेगा क्योंकि आमतौर पर प्राथमिक निर्गम द्वितीयक बाजार के बॉन्ड प्रतिफल के आसपास ही घूमता है।’
उन्होंने कहा, ‘अगर द्वितीयक बाजार में कारोबार बढ़े प्रतिफल पर हो रहा है तो आप उससे अलग प्रतिफल पर इश्यू में सक्षम नहीं होंगे। इसके दो व्यापक जोखिम हैं- जोखिम से बचने और वित्त पोषण की लागत ज्यादा होगी, अगर आप निकट अवधि के हिसाब से बकाये को आगे बढ़ाते हैं। आपके पुनर्वित्तवोषण की क्षमता भी एक मसला होगी।‘
संस्थागत ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए के मुताबिक अदाणी समूह के हाल के ज्यादातर अधिग्रहण का वित्तपोषण विदेशी इकाइयों द्वारा हुआ है। समूह की शीर्ष कंपनियों का कर्ज पिछले 3 साल में 1 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये हो गया है, ऐसे में ब्रोकरेज का अनुमान है कि बॉन्ड, वित्तीय संस्थान और विदेशी बैंक इस समूह को कर्ज देने वालों में प्रमुख रूप से शामिल होंगे।
सालाना रिपोर्टों के आधार पर समूह के स्तर पर कर्ज को अलग अलग देखें तो सीएलएसए ने पाया कि अदाणी ग्रीन के पास विदेशी मुद्रा में बॉन्ड 11,900 करोड़ रुपये, जबकि अदाणी पोर्ट्स के इस रूप में 30,200 करोड़ रुपये हैं। अदाणी ट्रांसमिशन के 19,700 करोड़ रुपये के विदेशी मुद्रा में बॉन्ड थे।
हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था किअदाणी समूह ने स्टॉक की कीमतें और राजस्व बढ़ाने के लिए कई विदेशी कंपनियों का इस्तेमाल किया।