जेपी मॉर्गन (JP Morgan) की घोषणा के बाद शुक्रवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) में मजबूती आई। जेपी मॉर्गन ने घोषणा की है कि वह भारत को जून 2024 से अपने इमर्जिंग मार्केट बॉन्ड इंडेक्स में शामिल करेगा।
विश्लेषकों का मानना है कि इस घटनाक्रम की वजह से पीएसबी में तेजी अचानक आई और इसका वास्तविक लाभ 2024 में तभी मिल पाएगा जब भारत इस बॉन्ड सूचकांक में शामिल हो जाएगा।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रमुख (रिटेल रिसर्च) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘जेपी मॉर्गन के ईएम इंडेक्स में भारत के शामिल होने से बैंकों को वास्तविक लाभ जून 2024 से मिलेगा। तब तक, बाजार के बड़े घटनाक्रम उसकी चाल को प्रभावित करते रहेंगे। जब जेपी मॉर्गन मामले से जुड़ा उत्साह थम जाएगा, बॉन्ड बजार वैश्विक रुझानों पर ध्यान देंगे, जिससे ताजा बिकवाली को बढ़ावा मिल सकता है।’
शुक्रवार को निफ्टी पीएसयू बैंक सूचकांक दिन के कारोबार में 4.13 प्रतिशत चढ़ गया और आखिर में 3.5 प्रतिशत तेजी के साथ बंद हुआ। तुलनात्मक रूप से, निफ्टी-50 सूचकांक में 0.3 प्रतिशत की कमजोरी आई, जबकि निफ्टी प्राइवेट बैंक इंडेक्स 0.09 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा और इंडियन बैंक के शेयरों में करीब 4 प्रतिशत से 9 प्रतिशत के बीच तेजी दर्ज की गई। कैलेंडर वर्ष 2023 में अब तक निफ्टी पीएसयू बैंक सूचकांक 20.75 प्रतिशत चढ़ा है, जबकि निफ्टी-50 सूचकांक में 8.6 प्रतिशत तेजी आई है।
लॉन्ग टर्म में मिलेगी मदद
जेपी मॉर्गन के निर्णय से भारत के लिए आधार दर में बदलाव आएगा, जिससे मार्च 2024 तक प्रतिफल में कमजोरी आएगी और भारत की उधारी लागत घटेगी। विश्लेषकों का कहना है कि इससे दीर्घावधि में कंपनियों के मुनाफे को ताकत मिलेगी।
इन्वेसेट के अनिरुद्ध गर्ग ने कहा, ‘यदि जेपी मॉर्गन अपने सूचकांक में बॉन्डों का भारांक बढ़ाने का निर्णय लेता है तो इससे इन बॉन्डों के लिए मांग बढ़ सकती है, जिससे दीर्घावधि में बैंक शेयरों की चमक बढ़ेगी, क्योंकि वे बड़े बॉन्ड पोर्टफोलियो से जुड़े हुए हैं।’
शुक्रवार को 10 वर्षीय सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल में उतार-चढ़ाव बना रहा। दिन के दौरान यह 7.086-7.151 प्रतिशत के दायरे में रहा और आखिर में इस दायरे की ऊंचाई के आसपास बंद हुआ।