केंद्र सरकार ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर महंगाई को नियंत्रित करने के लिए आज कई अहम फैसले लिए। इनमें प्याज के निर्यात पर रोक के साथ ही गेहूं की जमाखोरी रोकने के लिए भंडारण सीमा में कटौती करना शामिल है।
केंद्र ने पीली मटर की घरेलू बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिए इसके आयात पर लगे 50 फीसदी बुनियादी सीमा शुल्क तथा कृषि अवसंरचना एवं विकास उपकर को पूरी तरह वापस लेने निर्णय लिया है। यह निर्णय 8 दिसंबर, 2023 से लागू माना जाएगा और 31 मार्च, 2024 तक प्रभावी रहेगा। उधर राइस ब्रान ऑयल केक के निर्यात पर प्रतिबंध को भी 31 मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया गया है।
प्याज निर्यात पर रोक
केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से प्याज के निर्यात पर 31 मार्च, 2024 तक के लिए रोक लगा दी है। हालांकि जिन निर्यातकों के प्याज का इस रोक की अधिसूचना से पहले लदान हो चुका है उनको निर्यात की अनुमति होगी। यह प्याज अगले साल 5 जनवरी तक निर्यात किया जा सकेगा।
प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध की घोषणा के बाद प्याज किसानों ने शुक्रवार को महाराष्ट्र के नाशिक में मुंबई आगरा राजमार्ग को तीन स्थानों पर अवरुद्ध कर दिया और जिले के थोक बाजार में प्याज की नीलामी रोक दी। किसानों का कहना है कि निर्यात पर रोक से उन्हें नुकसान होगा।
इस बीच, चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान देश से प्याज के निर्यात में करीब 10 फीसदी उछाल आया है। एपीडा से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2023-24 की अप्रैल-सितंबर अवधि में 13.10 लाख टन प्याज का निर्यात हो चुका है, जबकि पिछली समान अवधि में यह आंकड़ा 11.92 लाख टन था।
कम गेहूं रख सकेंगे विक्रेता
सरकार ने गेहूं की जमाखोरी रोकने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए शुक्रवार को तत्काल प्रभाव से थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़े खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करण फर्मों के लिए गेहूं का भंडार (स्टॉक) रखने के मानदंडों को सख्त कर दिया।
केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि कारोबारियों एवं थोक विक्रेताओं के लिए गेहूं भंडारण की सीमा 2,000 टन से घटाकर 1,000 टन कर दी गई है। प्रत्येक खुदरा विक्रेता के लिए भंडारण सीमा 10 टन के बजाय 5 टन, बड़े खुदरा विक्रेताओं के प्रत्येक डिपो के लिए 5 टन और उनके सभी डिपो के लिए यह सीमा कुल मिलाकर 1,000 टन होगी। गेहूं का प्रसंस्करण करने वाली कंपनी वित्त वर्ष 2023-24 के बाकी महीनों के अनुपात में मासिक स्थापित क्षमता का 70 प्रतिशत रख सकती हैं।
कारोबारियों को अपना स्टॉक संशोधित सीमा तक कम करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाएगा। इस बीच, खाद्य सचिव चोपड़ा ने कहा कि साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से एफसीआई अब तक 44.6 लाख टन गेहूं थोक उपभोक्ताओं को बेच चुका है। जरूरत के आधार पर ओएमएसएस के अंतर्गत जनवरी-मार्च, 2024 अवधि में अतिरिक्त 25 लाख टन गेहूं बेचा जा सकता है।
एफसीआई द्वारा ई-नीलामी के माध्यम से साप्ताहिक रूप से बेचे जाने वाले गेहूं की मात्रा को तत्काल प्रभाव से 3 लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन कर दिया गया है।
‘भारत आटा’ ब्रांड के तहत रियायती दरों पर गेहूं के आटे की बिक्री पर सचिव ने कहा कि मात्रा को अगले साल जनवरी के अंत तक 2.5 लाख टन से बढ़ाकर 4 लाख टन कर दिया गया है।