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वाहन पुर्जा उद्योग का R&D पर खर्च 1 प्रतिशत से भी कम

एक्मा चेयरमैन संजय कपूर ने बताया कि अनुसंधान की दिशा में किस तरह और अधिक काम किए जाने की जरूरत है तथा निवेश के लिए बड़े बाजार की भी जरूरत है।

Last Updated- September 13, 2023 | 10:09 PM IST
Passenger vehicle sales likely to see modest growth of 1-4% in FY26: ICRAPassenger vehicle sales likely to see modest growth of 1-4% in FY26: ICRA

जैसे-जैसे पुन: उपयोग और बरबादी कम करने तथा स्थिरता पर ध्यान बढ़ रहा है, भारतीय पुर्जा विनिर्माता अनुसंधान पर ज्यादा निवेश कर रहे हैं। सोहिनी दास के साथ बातचीत में ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एक्मा) के अध्यक्ष और सोना कॉमस्टार के चेयरमैन संजय कपूर ने बताया कि अनुसंधान की दिशा में किस तरह और अधिक काम किए जाने की जरूरत है तथा निवेश के लिए बड़े बाजार की भी जरूरत है। संपादित अंश :

-क्या भारतीय वाहन पुर्जा विनिर्माता ‘हरित पुर्जों’ में निवेश कर रहे हैं?

सचाई यह है कि हरित स्रोत, हरित ऊर्जा, हरित निर्माण, ये सब आज मुख्य आधार बनते जा रहे हैं। हमें उस तरह के माहौल की ओर बढ़ना होगा। रीसाइक्लिंग ‘हरित’ का ही एक रूप है और यह सब स्थिरता के व्यापक विषय की दिशा में बढ़ रहा है। यह केवल कीमतों के संबंध में नहीं है, बल्कि एक ऐसे उत्पाद निर्माण के संबंध में है, जो वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हो। स्थिरता, अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी) में निवेश वगैरह ऐसी चीजें हैं, जो हमें और अधिक प्रतिस्पर्धी माहौल की ओर ले जा रही हैं। पुर्जा विनिर्माताओं को इसे उसी नजरिए से देखने की जरूरत है।

-अभी भारतीय वाहन पुर्जा क्षेत्र में आरऐंडडी निवेश का क्या स्तर है?

उद्योग का औसत एक प्रतिशत से कुछ कम है। कुछ कंपनियां अधिक खर्च करती हैं, जबकि कई कंपनियां अपनी बिक्री का लगभग 0.5 प्रतिशत भाग अनुसंधान एवं विकास पर खर्च करती होंगी। हम उस स्तर तक नहीं पहुंचे हैं, जहां हमें पहुंचना चाहिए। स्थानीयकरण में सुधार के लिए, प्रौद्योगिकी में निवेश के लिए, निर्यात बढ़ाने के लिए आंतरिक रूप से बातचीत चल रही है। निर्यात बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी में निवेश करना होगा।

-वित्त वर्ष में निर्यात वृद्धि का क्या नजरिया है?

पिछले वर्ष हमारे निर्यात में 5.2 प्रतिशत या इसके आसपास का इजाफा हुआ है। इस साल (वित्त वर्ष 24) भी हम निर्यात वृद्धि के मामले में पांच प्रतिशत से ऊपर रहेंगे। प्रौद्योगिकी में नए निवेश के लिए बड़े बाजार की जरूरत है। क्षमता स्थापित करते समय बड़े बाजार की आवश्यकता होती है। हम दो करोड़ वाहनों के वैश्विक बाजार में क्यों नहीं भागीदारी करेंगे और उत्तरी अमेरिका हमारा सबसे बड़ा निर्यात बाजार है। उसके बाद यूरोपीय संघ है। हमारे 20 अरब डॉलर के निर्यात का लगभग 30 प्रतिशत भाग उत्तरी अमेरिका को जाता है। घरेलू उद्योग भी तेजी से बढ़ रहा है।

-वैश्विक वाहन कंपनियों की चीन प्लस वन रणनीति से भारतीय पुर्जा विनिर्माताओं को किस तरह लाभ पहुंचा रही है?

चीन प्लस वन (रणनीति) हमारे पक्ष में अच्छा काम कर रही है और हमारा निर्यात बढ़ रहा है। भारत में बहुत सारा नया निवेश आ रहा है और यह रातोरात नहीं होगा। इसमें समय लगेगा। हम कई अंतरराष्ट्रीय खरीद कार्यालयों के साथ काम कर रहे हैं और कंपनियों को निर्यात करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उत्तरी अमेरिका के अलावा अफ्रीका, पश्चिमी एशिया और दक्षिण अमेरिका हमारे लिए बड़े बाजार हैं।

First Published - September 13, 2023 | 10:09 PM IST

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