एशियन पेंट्स के लिए परिदृश्य सुस्त बना हुआ है, क्योंकि ब्रोकरों को बढ़ती प्रतिस्पर्धा से कंपनी के राजस्व पर दबाव पड़ने की आशंका है।
वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में पेंट दिग्गज का राजस्व 8,452 करोड़ रुपये पर सपाट बना रहा, जिसके लिए असमान मॉनसून को जिम्मेदार माना गया। इससे बाजार धारणा प्रभावित हुई और संभवत: इस साल देर से दीवाली आने की वजह से बिक्री टली है।
मोतीलाल ओसवाल रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, ‘उत्पादन लागत बढ़ने से वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में मार्जिन वृद्धि वित्त वर्ष 2024 की पहली छमाही जैसी रहने के आसार नहीं हैं।’यह माना जा रहा है कि संपूर्ण उद्योग गहराती प्रतिस्पर्धा की वजह से मांग और मार्जिन ढांचे में बदलाव देख सकता है।
ब्रोकरेज फर्म ने कहा है, ‘हम सतर्क बने हुए हैं, क्योंकि पेंट सेगमेंट को पहले जैसे ऊंचे मल्टीपल का लाभ नहीं मिल रहा है।’घरेलू ब्रोकरेज फर्म जेएम फाइनैंशियल रिसर्च का भी मानना है कि उत्पादन लागत संबंधित परिदृश्य कच्चे तेल और उसकी डेरिवेटिव कीमतों में आई ताजा तेजी की वजह से पेंट कंपनी के पक्ष में काम नहीं करेगा।
ब्रोकरेज ने कहा है, ‘हमारा मानना है कि प्रतिस्पर्धी परिवेश पर नजर रखे जाने की जरूरत होगी, क्योंकि ग्रासिम द्वारा चौथी तिमाही में पेंट सेगमेंट में प्रवेश किए जाने की संभावना है।’
प्रभुदास लीलाधर रिसर्च का भी मानना है कि वित्त वर्ष की दूसरी छमाही के लिए कंपनी ने आशाजनक परिदृश्य पेश किया है, क्योंकि उसे उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में मांग सुधरेगी।
सुस्त परिदृश्य
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज: हमारे नजरिये से, बिक्री और कारोबार में अंतर 6 प्रतिशत है जो सामान्य 4-5 प्रतिशत के
मुकाबले ज्यादा है।
प्रभुदास लीलाधर
हमले वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में अनुमान से कम बिक्री वृद्धि और लाभ के बाद वित्त वर्ष 2024/25 के ईपीएस अनुमानों में 3.1/4 प्रतिशत तक की कटौती की है। एशियन पेंट्स की वृद्धि के कारक डेकोरेटिव पेंट में बाजार भागीदारी बढ़ने, वितरण में निरंतर वृद्धि, वाटरप्रूफिंग/वुड फिनिश परियोजनाओं में ऊंची वृद्धि की वजह से मजबूत बने हुए हैं।
जेएम फाइनैंशियल रिसर्च
मांग के बारे में प्रबंधन का अनुमान थोड़ा भ्रमित करने वाला था। दूसरी तिमाही में अनियमित बारिश से जुलाई में कारोबार प्रभावित हुआ। प्रबंधन इसे लेकर आश्वस्त है कि तीसरी तिमाही की बिक्री फिर से दो अंक में बढ़ेगी और इसे शादियों के सीजन से मदद मिलेगी।
मोतीलाल ओसवाल
प्रबंधन ने मांग पर असमान बारिश के विपरीत प्रभाव का जिक्र किया है। इसके अलावा, उत्पादन लागत में वृद्धि से भी वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में मार्जिन वृद्धि पहली छमाही के समान रहने का अनुमान नहीं है।