देश की सबसे बड़ी डेयरी को-ऑपरेटिव अमूल के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने 9 जनवरी को तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया और इस तरह से 40 साल तक के अपने कार्यकाल को विराम दे दिया।
गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) ने जयेन मेहता तो तत्काल प्रभाव से अंतरिम प्रबंध निदेशक नियुक्त किया गया है। मेहता 30 साल से कंपनी के साथ काम कर रहे हैं। अमूल में जयेन मेहता दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं और मुख्य परिचालन अधिकारी के तौर पर काम कर रहे थे।
अमूल में 40 साल के कार्यकाल में उन्हें साल 2010 में प्रबंध निदेशक बनाया गया और उन्हें वित्त वर्ष 2010-11 के 9,774.2 करोड़ रुपये के कारोबार को वित्त वर्ष 2021-22 में 46,481 करोड़ रुपये पर पहुंचा दिया।
सोढ़ी साल 1982 में जीसीएमएमएफ से वरिष्ठ बिक्री अधिकारी के तौर पर जुड़े थे और फिर साल 2010 में विपणन प्रबंधक की भूमिका ग्रहण की, जिसके बाद साल 2010 में उन्हें प्रबंध निदेशक बनाया गया।
बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत मे सोढ़ी ने कहा, मुझे दो साल का सेवा विस्तार मिला था और अब मैंने अमूल के एमडी पद से इस्तीफा दे दिया है। मैं अमूल के साथ जुड़ा रहूंगा और भारतीय डेयरी एसोसिएशन संग काम करूंगा। जीसीएमएमएफ हर दिन 18,600 से ज्यादा ग्रामीण डेयरी सहकारी समितियों से 3 करोड़ लीटर दूध खरीदता है।
3 दशक से ज्यादा समय तक सोढ़ी ने दुग्ध क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन के सीधे मार्गदर्शन में काम किया। उन्होंने सीएटीई, उदयपुर से एग्री इंजीनियरिंग की डिग्री ली है और इंस्टिट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट आणंद (आईआरएमए) के पहले बैच के छात्र रहे हैं। महामारी के दौरान सोढ़ी के नेतृत्व में अमूल ने अपने उत्पादों की 100 से ज्यादा स्टॉक कीपिंग यूनिट पेश किए। मीडिया में खबरें थीं कि सोढ़ी को पद छोड़कर जयेन मेहता को कार्यभार सौंपने को कहा गया था।