देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री (EV Sales) में मई 2024 में पिछले साल के समान महीने की तुलना में कमजोरी दर्ज की गई। हालांकि अप्रैल की तुलना में इसमें मामूली सुधार आया।
सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के वाहन पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़े से पता चलता है कि मई 2024 में, कुल ईवी बिक्री 123,107 वाहन रही, जो पूर्ववर्ती वर्ष के मई में दर्ज 158,459 से कम है।
हालांकि सालाना आधार पर गिरावट के बावजूद, मई 2024 में अप्रैल के मुकाबले सुधार के संकेत दिखे। मई में 123,107 वाहन का बिक्री आंकड़ा मासिक आधार पर 8.8 प्रतिशत वृद्धि को दर्शाता है। एक साल पहले के मुकाबले बिक्री में 22.3 प्रतिशत की कमी आई। अप्रैल में 113,092 वाहन बेचे गए थे।
मई में बेचे गए कुल 123,107 वाहनों में दोपहिया का योगदान करीब 51.7 प्रतिशत, तिपहिया का 42.5 प्रतिशत, यात्री कारों का करीब 5.3 प्रतिशत और बसों का 0.2 प्रतिशत रहा। शेष वाहनों- ओमनी, कृषि संबंधित वाहनों और अन्य का संयुक्त रूप से कुल बिक्री में 0.4 प्रतिशत से कम योगदान रहा।
बिक्री पर दबाव की वजह
वाहन क्षेत्र के विश्लेषकों का मानना है कि बिक्री में तेज गिरावट की वजह सरकारी नीतियों में बदलाव और ग्राहकों द्वारा हाइब्रिड वाहनों पर जोर दिए जाने और आम चुनाव जैसे बदलाव हो सकते हैं।
एसऐंडपी ग्लोबल में निदेशक पुनीत गुप्ता ने कहा, ‘खासकर वाहन बेड़े एवं व्यावसायिक क्षेत्रों के उपभोक्ता अक्सर चुनाव के बाद तक अपने निर्णयों को टाल देते हैं। नई सरकार बनने के बाद निर्माता भी निवेश बढ़ाना पसंद करते हैं। इसके अलावा, बिक्री में हाल में आई गिरावट का कारण फेम प्रोत्साहनों का खत्म होना और हाइब्रिड की ओर ग्राहकों की पसंद में बदलाव हो सकता है।’
ईवी बिक्री मार्च 2024 में नई ऊंचाई पर पुहंच गई थी और तब 209,608 वाहन बेचे गए थे। इस ऊंचाई के बाद से बिक्री 145,000 के आंकड़े से नीचे बनी हुई है।
उद्योग के अधिकारियों का मानना है कि यदि सरकार अपनी मौजूदा इलेक्ट्रिक मोबिलिटी प्रमोशन स्कीम 2024 (ईएमपीएस 2024) की समय-सीमा नहीं बढ़ाती है तो बिक्री में विलंब हो सकता है।
सरकार ने 13 मार्च को ईएमपीएस 2024 की भी घोषणा की थी। इसका मकसद इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देना है।