जुलाई में नए वाहनों का पंजीकरण 36 फीसदी घटकर 11,42,633 वाहन रह गया, जो जुलाई 2019 में 17,92,879 वाहन रहा था। माह दर माह के लिहाज से पंजीकरण हालांकि बेहतर है, लेकिन सालाना आधार पर देखें तो वाहन क्षेत्र अभी सामान्य स्तर पर नहीं आया है।
वाहन डीलरों के संगठन फाडा के खुदरा आंकड़ों के मुताबिक, यात्री वाहनों की बिक्री जुलाई में घटकर 1,57,373 रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि के 2,10,377 वाहनों के मुकाबले 25.19 फीसदी कम है। वहीं दोपहिया की बिक्री 34.47 फीसदी घटकर 8,74,638 रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 13,98,702 रही थी। वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री 72.18 फीसदी घटकर 19,293 वाहन रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 69,338 वाहन रही थी। इसी तरह तिपहिया की बिक्री 74.3 फीसदी की गिरावट के साथ 15,132 वाहन रही, जो पहले 58,940 वाहन रही थी।
ट्रैक्टरों की बिक्री हरे निशान में रही और वह 37.24 फीसदी की बढ़त के साथ जुलाई में 76,197 वाहन रही, जो पिछले साल की समान अवधि में 55,522 वाहन रही थी।
फाडा के अध्यक्ष आशिष हंसराज काले ने कहा कि बाजार की मौजूदा स्थिति अभी भी देश भर में मांग की वास्तविक स्थिति का संकेतक नहीं है और पिछले साल के निचले स्तर के बावजूद खुदरा बिक्री में दो अंकों की नकारात्मक वृद्धि जारी है। ग्रामीण बाजारों में मजबूती है क्योंकि मॉनसून में अच्छी बारिश हो रही है।
काले ने कहा, बैंक व एनबीएफसी अभी भी खुदरा वाहनों की फंडिंग को लेकर सतर्क रुख अपना रहे हैं, लिहाजा खास तौर से वाणिज्यिक वाहन, तिपहिया, दोपहिया की मांग प्रभावित हो रही है। कई क्षेत्रों में वाहनों की फंडिंग का प्रतिशत 10-15 फीसदी घटा है।
फाडा ने सरकार से मांग बढ़ाने वाली नीति घोषित करने की मांग की है क्योंंकि इससे वाहनों की मांग में तेजी सुनिश्चित होगी। वाहन उद्योग स्क्रैप नीति को लेकर प्रोत्साहन पैकेज का इंतजार कर रहा है और यह मध्यम व भारी वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री के लिए अहम होगा।
वाहन क्षेत्र के परिदृश्य को लेकर उन्होंने कहा, अगर खास तौर से वाहन विनिर्माण केंद्रों में लॉकडाउन नहीं होता है तो अगस्त का परिदृश्य जुलाई के मुकाबले सकारात्मक है क्योंंकि यह लंबे त्योहारी सीजन की शुरुआतहै। अगले कुछ दिनों में ओणम व गणेश चतुर्थी मनाया जाना है, ऐसे में फाडा को उम्मीद है कि वाहन उदद्योग में रिकवरी की यात्रा शुरू हो जाएगी।