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वाहन कलपुर्जा कंपनियों में तेज सुधार

Last Updated- December 14, 2022 | 10:44 PM IST

पिछले कुछ महीनों के दौरान वाहनों की मात्रात्मक बिक्री में लगातार हो रहे सुधार से वाहन कलपुर्जा विनिर्माताओं को सितंबर में अपनी क्षमता उपयोगिता को कोविड पूर्व स्तर के मुकाबले 60 से 65 फीसदी तक पहुंचाने में मदद मिली है। हालांकि वाणिज्यिक वाहनों के लिए कलपुर्जे की आपूर्ति करने वालों के मामले में सुधार की रफ्तार थोड़ी सुस्त है क्योंकि वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में व्यापक सुधार होना अभी बाकी है।
वाणिज्यिक वाहनों के लिए कलपुर्जे की आपूर्तिकर्ताओं को छोड़कर अन्य कलपुर्जा विनिर्माता सुधार की राह पर तेजी से अग्रसर है। यह अप्रैल से जून तिमाही की धारणा के बिल्कुल विपरीत है। उस दौरान ऑर्डर बुक में काफी कमी दर्ज की गई थी जिससे इन फर्मों के कारोबार में सुधार को लेकर आशंका जताई गई थी। हालांकि कंपनियां अभी भी काफी सतर्क दिख रही हैं।
मांग की वास्तविक तस्वीर त्योहारी सीजन के बाद दिखेगी।
वाहन कलपुर्जा विनिर्माताओं के संगठन एक्मा के अध्यक्ष दीपक जैन ने कहा, ‘हम काफी आशान्वित लेकिन सतर्क हैं। आपूर्ति शृंखला से संबंधित चुनौतियां जारी रहने के कारण ग्राहकों से अधिक मांग दिख रही है। हमें उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में भी मांग बरकरार रहेगी।’
मिंडा इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक निर्मल के मिंडा ने भी इससे सहमति जताई। उन्होंने कहा, ‘हम अक्टूबर और नवंबर को लेकर काफी आशान्वित हैं। लेकिन फिलहाल हम आश्वस्त नहीं है कि दिसंबर में मांग कैसी रहेगी। हमें उम्मीद है कि त्योहारी मांग बढऩे के बाद दिसंबर की मात्रात्मक बिक्री में 10 फीसदी की गिरावट आएगी लेकिन यदि गिरावट इससे अधिक होगी तो चुनौती बढ़ जाएगी।’
इक्रा की ओर से 8 अक्टूबर को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, मई और जून में वाहन कलपुर्जा कंपनियों की क्षमता उपयोगिता करीब 30 फीसदी के दायरे में थी जबकि 40 से 45 फीसदी के स्तर पर न नफा न नुकसान की स्थिति होती है। एंबिट कैपिटल की 5 अक्टूबर की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मिंडा, वर्रोक और महिंद्रा सीआईई जैसी यात्री वाहन एवं दोपहिया श्रेणी पर केंद्रित कलपुर्जा कंपनियों से बातचीत से पता लता कि सितंबर में उपयोगिता स्तर 75 फीसदी तक पहुंच चुका है जो पहली तिमाही में 30 फीसदी के दायरे में रहा था।’ इसकी मुख्य वजह मारुति सुजूकी, रॉयल एनफील्ड, हीरो मोटोकॉर्प और टाटा मोटर्स (यात्री वाहन) जैसी प्रमुख विनिर्माताओं के लिए उत्पादन में वृद्धि रही।
वास्तव में, कलपुर्जा बनाने वाली कंपनियां सीमित कार्यबल जैसी चुनौतियों के बावजूद मांग को पूरा करने का प्रयास कर रही हैं। वे कोविड के प्रसार से बचने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) को बनाए रखते हुए सीमित संसाधनों का उपयोग करते हुए अपनी उत्पादकता बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं।
इक्रा ने कहा है कि सभी वाहन श्रेणियों (वाणिज्यिक वाहनों को छोड़कर) के उत्पादन में क्रमिक सुधार हो रहा है। इसे अटकी हुई मांग और निर्यात बाजार की मांग से मदद मिल रही है। अधिकतर कलपुर्जा विनिर्माताओं की क्षमता उपयोगिता का स्तर (दोपहिया वाहनों, यात्री वाहनों और ट्रैक्टरों के लिए क्षमता उपयोग) सितंबर 2020 में कोविड पूर्व स्तर के करीब दिख रहा है।
रेटिंग एजेंसी ने उम्मीद जताई है कि वित्त वर्ष 2022 में काफी सुधार दिखेगा। समझा जाता है कि केवी कामत समिति की सिफारिशों के तहत ऋण पुनर्गठन का विकल्प चुनने वाली संस्थाओं का अनुपात अपेक्षाकृत कम होगा और वह काफी हद तक छोटे खिलाडिय़ों तक सीमित होगा।

First Published - October 13, 2020 | 11:41 PM IST

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