ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के 6,146 करोड़ रुपये के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम को सुस्त प्रतिक्रिया के बावजूद कंपनी का शेयर शुक्रवार को सूचीबद्धता के बाद 20 फीसदी की ऊपरी सीमा को छू गया। इस तरह से देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक दोपहिया कंपनी का मूल्यांकन 40,218 करोड़ रुपये (4.8 अरब डॉलर) पर पहुंच गया।
भाविश अग्रवाल की अगुआई वाली फर्म का शेयर एनएसई पर अपने इश्यू प्राइस 76 रुपये के मुकाबले 15.2 रुपये बढ़कर यानी 20 फीसदी की बढ़त के साथ 91.2 रुपये पर बंद हुआ। एनएसई पर 4,426 करोड़ रुपये के शेयरों की ट्रेडिंग हुई। 76 रुपये पर खुलने के बाद यह शेयर 20 फीसदी की ऊपरी सीमा को छू गया और इसमें सिर्फ खरीदार नजर आए जबकि कोई बिकवाल नहीं था।
सॉफ्टबैंक समर्थित कंपनी के शेयर में बढ़ोतरी से संकेत मिलता है कि निवेशक स्थिर और लंबी अवधि के लिए भारत में पेट्रोल दोपहिया से इलेक्ट्रिक दोपहिया की ओर बढ़ते रुझान पर दांव लगाने के इच्छुक हैं जो दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है।
पिछले दो साल में सबसे बड़ा आईपीओ ओला का रहा। हालांकि इसे महज 4.3 गुना आवेदन मिले और कुछ निवेशक इस हफ्ते बाजारों में बिकवाली के बीच अभी तक लाभ में नहीं आने वाली इस इलेक्ट्रिक दोपहिया निर्माता से दूर ही रहे।
बाजारों में बिकवाली अमेरिकी मंदी के भय से हुई। ओला की सूचीबद्धता के बाद 38 वर्षीय अग्रवाल की नेटवर्थ 1.5 अरब डॉलर के पार चली गई और इस तरह से उन्होंने दुनिया के सबसे युवा अरबपतियों की सूची में अपनी स्थिति मजबूत बना ली। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की बिक्री करीब 5,000 करोड़ रुपये रही और ओला का मूल्यांकन अभी उसकी बिक्री का करीब आठ गुना है।
विश्लेषकों ने बताया कि उसकी समकक्ष सूचीबद्ध कंपनियों टीवीएस मोटर्स, आयशर मोटर्स, बजाज ऑटो और हीरो मोटोकॉर्प (जो मुख्य रूप से पेट्रोल दोपहिया में हैं) का कारोबार अभी बिक्री के 3 से 8 गुना के दायरे में होता है।
वाहन संख्या के लिहाज से ओला देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक दोपहिया विक्रेता है और वित्त वर्ष 24 के कुल इलेक्ट्रिक दोपहिया के पंजीकरण में उसकी हिस्सेदारी 35 फीसदी रही। यदि बाजार इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाता है (जिसे मोबिलिटी का भविष्य कहा जाता है) तो ओला को अपने प्रतिस्पर्धियों पर बढ़त मिलती दिखाई दे रही है।
रेडसीयर के मुताबिक इलेक्ट्रिक दोपहिया का भारत में प्रसार वित्त वर्ष 24 के देसी दोपहिया पंजीकरण के 5.4 फीसदी के मुकाबले वित्त वर्ष 28 में देसी दोपहिया बिक्री की संख्या का 41 से 56 फीसदी हो सकता है। कंसल्टेंसी फर्म का अनुमान है कि भारतीय दोपहिया उद्योग वित्त वर्ष 28 तक सालाना 11 फीसदी चक्रवृद्धि की रफ्तार से बढ़कर 35 अरब डॉलर से 45 अरब डॉलर के बीच पहुंच सकता है।
सड़क व परिवहन मंत्रालय के वाहन पोर्टल के अनुसार दिसंबर 2021 में पहला ईवी स्कूटर उतारने के नौ महीने के भीतर कंपनी भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाली इलेक्ट्रिक दोपहिया ब्रांड बन गई। आनंद राठी ने एक नोट में कहा कि ओला के लिए आगामी वर्षों में वृद्धि की काफी गुंजाइश है जिसे बाजार की अनुकूल स्थितियों, नियामकीय नियमों और ओला फ्यूचर फैक्टरी के सालाना आधार पर ज्यादा इस्तेमाल से सहारा मिलेगा।
इसके अलावा उसने मार्च 2024 में ओला गीगाफैक्टरी में 4,680 फॉर्म फैक्टर सेल्स का विनिर्माण शुरू किया है जो बैटरी और ईवी की गुणवत्ता, आपूर्ति व लागत में बेहतर नियंत्रण में मदद करेंगे।
आईपीओ में ओला ने 5,000 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी किए हैं। कंपनी की योजना इस रकम का इस्तेमाल अपने सेल विमर्माण संयत्र का विस्तार 5जीडब्ल्यूएच से बढ़ाकर 6.4 जीडब्ल्यूएच में करने की है।