टीमलीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में महत्त्वपूर्ण स्किल की कमी के कारण, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सुरक्षा (Cyber Security) और ब्लॉकचेन में 2023 में 20 लाख से अधिक पद खाली रहने की उम्मीद है।
तेजी से डिजिटलाइजेशन और एआई और ऑटोमेशन को अपनाने से कौशल का अंतर काफी हो गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उपलब्ध पेशेवर इन मांग वाली भूमिकाओं के लिए विकसित नहीं हो पाए हैं क्योंकि उनके पास इन नए और उभरते जॉब प्रोफाइल के लिए तकनीकी जानकारी नहीं है।
ऑटोमेशन और बिग डेटा एनालिटिक्स और एआई जैसे तकनीकी कौशल की बढ़ती मांग से संकेत मिलता है कि काम की दुनिया में प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए आधे से अधिक कर्मचारियों को अगले दो वर्षों में खुद को फिर से कुशल बनाने की आवश्यकता है।
टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप डिवीजन की ‘स्किल स्ट्रैटेजीज फॉर ए स्ट्रॉन्ग, सस्टेनेबल ऐंड बैलेंस्ड वर्ल्ड ऑफ वर्क’ रिपोर्ट के अनुसार, भारत को 2026 तक 3 करोड़ डिजिटल रूप से कुशल पेशेवरों की आवश्यकता होगी। वर्तमान कार्यबल के 50 प्रतिशत को उभरती प्रौद्योगिकियों की क्षेत्रों में खुद को फिर से कुशल बनाने की आवश्यकता होगी।
अध्ययन में कहा गया है, ‘कंपनियां एक कुशल कार्यबल के लिए बेताब हो रही हैं। जैसा कि वे उन कौशलों को खोजने के लिए संघर्ष करना जारी रखते हैं जिनकी वे तलाश कर रहे हैं, उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता और विकास की संभावनाएं जोखिम में हैं।
साथ ही, कौशल अंतर के कारण अधिकांश कंपनियों के लिए बेरोजगारों और अर्ध-रोज़गारों का एक विशाल और लगातार बढ़ता हिस्सा दुर्गम बना हुआ है।’
टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक और कार्यकारी निदेशक और टीमलीज डिजिटल की मुख्य कार्याधिकारी रितुपर्णा चक्रवर्ती कहती हैं, ‘आज भारत में लगभग 50 करोड़ लोग कामकाजी उम्र के हैं और इसके बावजूद हम कौशल संकट का सामना कर रहे हैं। उद्योग के आंकड़े बताते हैं कि देश में कुल युवाओं (22-25 वर्ष की आयु वर्ग) का केवल 49 फीसदी ही रोजगार योग्य है। वास्तव में, हमारे अपने सर्वेक्षण ने संकेत दिया है कि 75 फीसदी
कंपनियां उद्योग में कौशल अंतर का सामना करती हैं। यहां तक कि उन लोगों में भी जो अपनी मौजूदा नौकरियों में बने रह सकते हैं। 40 फीसदी मौलिक क्षमताएं बदलने की संभावना है और इस प्रकार कौशल रणनीति को फिर से संरेखित करना कंपनियों के लिए महत्त्वपूर्ण होगा।’
रिपोर्ट की प्रमुख सिफारिशों में एक कौशल मैट्रिक विकसित करना, एक व्यापक कौशल विकास रणनीति, विशिष्ट सीखने की यात्रा को लक्षित कौशल लेखापरीक्षा और कंपनी संस्कृति के भीतर अपस्किलिंग को एकीकृत करना शामिल है, जो काम के अधिक टिकाऊ भविष्य की ओर ले जाएगा।
चक्रवर्ती कहती हैं, ‘कार्यस्थल इतनी तेजी से विकसित हो रहा है कि वैश्विक कार्यबल का 76 फीसदी नए डिजिटल रूप से केंद्रित कार्यस्थलों में कार्य करने के लिए आवश्यक कौशल से लैस नहीं है। जैसा कि दुनिया भर के संगठन स्किलिंग के लिए नए शिक्षण को अपनाते हैं, यह संगठन के लिए दीर्घकालिक मूल्य बनाने के लिए कौशल विकास को एक अभिन्न कदम के रूप में देखने के लिए अच्छी तरह से काम करेगा।’
भले ही देश में साक्षरता दर बढ़ रही है, लेकिन व्यावसायिक प्रशिक्षण या कौशल का स्तर कम है। मानव संसाधन सेवा कंपनी ने कहा कि हमारे शिक्षित और योग्य कार्यबल के कौशल अंतराल को पाटना आर्थिक विकास हासिल करने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण था।