देश भर के शहरों में गली-मुहल्लों तक आवाजाही के लिए सबसे आसानी से उपलब्ध रहने वाली ऑटोरिक्शा इन दिनों सड़कों से नादारद दिख रही है। देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान लोगों की आवाजाही पर रोक लगने से घरेलू बाजार मेंं तिपहिया वाहनों की बिक्री को जबदस्त झटका लगा। अगस्त के बिक्री आंकड़ों में भी सुधार के संकेत नहीं दिख रहे हैं।
महीने के दौरान तिपहिया बाजार की अग्रणी कंपनी बजाज ऑटो ने 7,659 वाहनों की बिक्री की जबकि एक साल पहले की समान अवधि में उसने 35,085 वाहनों की बिक्री की थी। इसी प्रकार टीवीएस मोटर ने अगस्त में 10,172 तिपहिया वाहनों की बिक्री की जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 14,604 वाहनों का रहा था। दूसरी सबसे बड़ी तिपहिया कंपनी पियाजियो व्हीकल्स ने अगस्त महीने के लिए बिक्री आंकड़े फिलहाल जारी नहीं किए हैं। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के तिपहिया वाहनों की बिक्री भी सालाना आधार पर 94 फीसदी घटकर 307 वाहन रह गई। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सायम के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल से जुलाई की अवधि में तिपहिया वाहनों की एकीकृत बिक्री घटकर 25,488 वाहन रह गई जो एक साल पहले की समान अवधि में 2,05,516 वाहन रही थी। आधे से अधिक तिपहिया बाजार पर अपना वर्चस्व रखने वाली बजाज ऑटो की बिक्री को तगड़ा झटका लगा। तीन महीनों की इस अवधि (अप्रैल में वाहन कंपनियों की बिक्री शून्य रही थी) में बजाज ऑटो की बिक्री 1,20,008 वाहनों से घटकर 11,811 वाहन रह गई।
बजाज ऑटो के कार्यकारी निदेशक राकेश शर्मा ने कहा, ‘लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं और तिपहिया ड्राइवरों की आय भी करीब 40 फीसदी घट गई है जिससे किस्त चुकाने की उनकी क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।’ उन्होंने कहा कि फाइनैंसर भी उधारी देने से हिचक रहे हैं। भारत में करीब 90 फीसदी वाणिज्यिक वाहनों की खरीदारी उधारी के जरिये होती है।
शर्मा ने कहा, ‘मैं केवल इतना कह सकता हूं कि जुलाई के मुकाबले अगस्त कुछ बेहतर रहा लेकिन स्थिति अब भी लगभग पहले जैसी ही है।’ उन्होंने कहा कि तिपहिया वाहनों के लिए सुधार की राह आसान नहीं है। कोविड-19 वैश्विक महामारी से पहले बजाज हर महीने औसतन 25,000 तिपहिया वाहनों को डिस्पैच करती थी। वाहन डीलरों के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष और यूनाइटेड ऑटोमोबाइल्स के निदेशक विंकेश गुलाटी ने कहा कि तिपहिया वाहनों की मांग तभी दिखेगी जब आय अच्छी होगी। इसके लिए रोजाना अधिक ट्रिप, अधिक यात्रियों की सवारी और यातायात संबंधी कुछ पाबंदियों में ढील देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सवारियों की संख्या पर प्रतिबंध के कारण उनकी कमाई घटकर लगभग आधी रह गई है। तिपहिया बनाने वाली एक कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि निकट भविष्य में यात्री ढुलाई श्रेणी में वाहनों की बिक्री रफ्तार सुस्त बनी रह सकती है। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में लॉकडाउन के खुलने के बावजूद तिपहिया वाहनों की बिक्री में कोई खास सुधार नहीं दिख रहा है।