जब जावा मोटरसाइकिल के मालिक जिरी गेर्ले ने क्लासिक लीजेंड्स (महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के स्वामित्व वाली) को अपना ब्रांड बेचा, तो उन्होंने नए मालिकों से एक अनुरोध किया था कि वे ब्रांड को उनकी मातृभूमि (चेक गणराज्य) में वापस लेकर आएं।
उसके दो साल बाद कंपनी ने उनकी इच्छा को पूरा किया। पिछले दिनों महिंद्रा समूह के अध्यक्ष आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया, ‘जावा के लिए एक नया जीवन आया है।’
फ्रांटिसेक जेनसेक द्वारा प्राग में बनाई गई जावा मोटरसाइकिलें अब 90 साल बाद शहर की गलियों में एक बार फिर सवारी करेंगी। जेनसेक ने 23 अक्टूबर, 1929 को जावा मोटरसाइकिल का पहला मॉडल पेश किया था।
क्लासिक लीजेंड्स में निवेशक फी-कैपिटल के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक अनुपम थरेजा कहते हैं कि भले ही प्राग में लॉन्च से ब्रांड को काफी फायदा होगा लेकिन गेर्ले की इच्छा को पूरा करना आसान नहीं है। क्लासिक लीजेंड्स में रुस्तमजी ग्रुप के प्रबंध निदेशक एवं अध्यक्ष बोमन ईरानी ने भी निवेश किया है।
थरेजा कहते हैं, ‘हम प्रतीक्षा सूची में हैं और हमारे पास निर्यात करने के लिए मोटरसाइकिल नहीं हैं। लेकिन यह एक चेक गणराज्य का ब्रांड है और जिस व्यक्ति से हमने इस ब्रांड को खरीदा है, वह इसके बारे में काफी उत्साही हैं। अब हम इस पर आगे बढ़ेंगे।’
गेर्ले ने ब्रांड को लगातार जीवंत रखा है। लंबे अंतराल के बावजूद यह ब्रांड देश के मोटरसाइकिल शौकीनों, इतिहासकारों और फोटोग्राफरों के दिमाग में अपनी जगह बनाने में कामयाब हो रहा है।
गेर्ले ने पुराने कारखाने को एक संग्रहालय में बदल दिया है और भारत में ब्रांड से जुड़े काम पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।
पिछले महीने, भारत में बने जावा एवं पेरक मॉडल को 3-4 महीने के इंतजार के बाद क्लासिक लीजेंड्स ने चेक गणराज्य में 750 मॉडल के करीब भेज दिए और बिना किसी देरी के वे सभी मॉडल बिक गए।
थरेजा कहते हैं, ‘हम जानते थे कि जिस क्षण वे ब्रांड वहां आएंगे, उन्हें इतिहासकार तथा फोटोग्राफर तत्काल उन्हें खरीद लेंगे। सोशल मीडिया पर देखी जा रही सभी कहानियां, तस्वीरें बहुत जैविक हैं। यह उनके लिए एक राष्ट्रीय गौरव की बात है।’ वाहन बिक्री में धीमी गति के बावजूद मांग में मजबूती देखी गई है। उन्होंने कहा, ‘चेक में लॉकडाउन लगा है और सर्दी का मौसम भी है।’
गेर्ले अभी कम संख्या के बेड़े से ज्यादा खुश नहीं है, लेकिन थरेजा एवं उनकी टीम को पूरा भरोसा है कि वे जल्द ही वाहनों का अगला बेड़ा तैयार कर लेंगे। कोरोना के चलते लगे लॉकडाउन के बाद उत्पादन ठप पड़ गया था और वर्ष 2021 की पहली तिमाही तक यह स्थिर हो जाएगा।
थरेजा कहते हैं, ‘चीजें स्थिर हो रही हैं। हमने दीवाली के समय तीन दिनों में नई लॉन्च हुई पेरक की 3,500-4,000 यूनिट बेचीं।’
भारत में ब्रांड पेश किए जाने के बाद से मांग को पूरा करना कंपनी के लिए एक चुनौती बना हुआ है।
फरवरी में जावा, जावा-42 और पेरक के मॉडल पेश किए जाने के एक महीने बाद ही सभी वाहन बिक गए थे। दिसंबर 2018 में, क्लासिक लीजेंड्स ने घोषणा की थी कि सितंबर 2019 तक की बुकिंग हो चुकी है। शुरुआती अनुमानों से पता चलता है कि तीन साल पुरानी कंपनी को 1,00,000 से अधिक बुकिंग मिली थीं। वाहनों की डिलिवरी अप्रैल 2019 में शुरू की गई थी।
