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सड़कों पर आ रही हाइड्रोजन क्रांति, अशोक लीलैंड, टाटा मोटर्स और अन्य कंपनियों की पहल

टाटा मोटर्स ने हाइड्रोजन इंजन और फ्यूल सेल वाले दो ट्रकों का परीक्षण शुरू कर दिया है। परीक्षण मार्च में शुरू हुआ था जो अगले 24 महीनों तक चलेगा।

Last Updated- June 16, 2025 | 11:13 PM IST
hydrogen trucks India

रिलायंस इंडस्ट्रीज की जामनगर इकाई से लेकर लेह के ठंडे इलाकों अथवा नई दिल्ली की भीड़भाड़ वाली सड़कों तक भारत का वा​णि​ज्यिक वाहन उद्योग हाइड्रोजन से चलने वाले वाहनों के जरिये ईंधन में बदलाव को चुपचाप रफ्तार दे रहा है। ईंधन में बदलाव की इस क्रांति का नेतृत्व अशोक लीलैंड और टाटा मोटर्स जैसी प्रमुख वाहन कंपनियां कर रही हैं। उद्योग के अन्य दिग्गज भी इस ओर छलांग लगाने की तैयारी में हैं।

हालांकि ऐसे कुछ कार्यक्रम राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के विस्तार हैं, लेकिन मूल उपकरण विनिर्माता (ओईएम) भी भविष्य की तैयारी के लिए रणनीतिक तौर पर कदम बढ़ा रहे हैं। उदाहरण के लिए अशोक लीलैंड को ही लेते हैं। उसने 2023 में रिलायंस इंडस्ट्रीज से साझेदारी के तहत हाइड्रोजन ईंधन से चलने वाला देश का पहला ट्रक उतारा था।

फिलहाल 20 से अ​धिक ऐसे वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं और दो साल में ही इन वाहनों ने करीब 2.5 लाख किलोमीटर नाप लिए हैं। हाइड्रोजन से चलने वाले ये वाहन दक्षता के मामले में भी डीजल वाहनों के बराबर हैं। इतना ही नहीं, कंपनी ने दिल्ली, लेह एवं लद्दाख में हाइड्रोजन फ्यूल सेल वाली बसें तैनात करने के लिए एनटीपीसी ग्रीन के साथ करार भी किया है।

अशोक लीलैंड के अध्यक्ष और प्रमुख (एमएचसीवी कारोबार) संजीव कुमार ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘वैकल्पिक ईंधनों में वा​णि​ज्यिक वाहन बाजार का अंतिम पड़ाव हाइड्रोजन होने जा रही है। मगर इसके लिए लागत ढांचे को सही रखना जरूरी है।’

कुमार ने कहा, ‘एक संगठन के तौर पर हम प्रौद्योगिकी के साथ तैयार हैं। इसलिए सवाल केवल कब और कैसे का है क्योंकि हाइड्रोजन की लागत अभी भी काफी अधिक है। हाल में हमने अदाणी को छत्तीसगढ़ में उनके खनन कार्यों के लिए 55 टन का फ्यूल सेल वाहन दिया है।’

टाटा मोटर्स ने हाइड्रोजन इंजन और फ्यूल सेल वाले दो ट्रकों का परीक्षण शुरू कर दिया है। परीक्षण मार्च में शुरू हुआ था जो अगले 24 महीनों तक चलेगा। इसमें वि​भिन्न भार क्षमता वाले 16 हाइड्रोजन ईंधन वाले वाहनों को शामिल किया जाएगा।

इन ट्रकों का परीक्षण प्रमुख मार्गों पर किया जाएगा जिनमें मुंबई, पुणे, दिल्ली एनसीआर, सूरत, वडोदरा, जमशेदपुर और कलिंगनगर शामिल हैं। टाटा मोटर्स के ग्रुप सीएफओ पीबी बालाजी ने हाल में कहा था, ‘हमने अपने पहले हाइड्रोजन ट्रकों की शिपिंग भी शुरू कर दी है।’

कंपनी ने राष्ट्रीय ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के तहत इंडियन ऑयल के साथ करार किया है। परीक्षण के तौर पर शुरू की गई परियोजना से आंकड़े प्राप्त होंगे जिनका उपयोग वाहन को बेहतर बनाने और विभिन्न मार्गों पर हाइड्रोजन की उपलब्धता में सुधार करने के लिए किया जाएगा। टाटा मोटर्स के कार्यकारी निदेशक गिरीश वाघ ने जनवरी में आयोजित भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2025 में संकेत दिया था कि कंपनी दो साल के भीतर वाणिज्यिक तौर पर वाहन को उतारने के लिए तैयार है। मगर फिलहाल वह कोई जानकारी साझा नहीं करना चाहती है।

वाहन उद्योग के अन्य दिग्गज भी हाइड्रोजन वाहन उतारने की तैयारी कर रहे हैं। डेमलर इंडिया कमर्शल व्हीकल्स के अध्यक्ष (उत्पाद इंजीनियरिंग) और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी प्रदीप कुमार ने कहा, ‘परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में पहल करते हुए ईंधन सेल वाले डेमलर ट्रक का विमास अगले चरण में प्रवेश कर रहा है। तमाम परीक्षण के बाद मर्सिडीज बेंज जेनएच2 ट्रक अब ग्राहकों के बेड़े में शामिल होने के लिए अंतिम चरण में है।’

सरकार हाइड्रोजन मिशन के जरिये हाइड्रोजन वाहनों, मार्गों और हाइड्रोजन ईंधन स्टेशनों को निजी क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों को आवंटित करते हुए उल्लेखनीय पहल कर रही है। इस योजना में टाटा मोटर्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, अशोक लीलैंड, एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसीएल शामिल हैं। इन कंपनियों को नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा कुल 37 वाहनों (बसों और ट्रकों) और 9 हाइड्रोजन ईंधन स्टेशनों वाली 5 परीक्षण परियोजनाएं आवंटित की गई हैं।

First Published - June 16, 2025 | 11:13 PM IST

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