देश के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उद्योग के लिए उत्साहजनक घटनाक्रम के तहत फास्टर एडॉप्शन ऐंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ (हाइब्रिड ऐंड) इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम 2) योजना के अंतर्गत सब्सिडी में कटौती का प्रतिकूल असर कम होता दिख रहा है। जुलाई के पहले 17 दिनों में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की औसत दैनिक बिक्री पिछले महीने की तुलना में लगभग 100 प्रतिशत बढ़ चुकी है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के पोर्टल वाहन के आंकड़ों के अनुसार जुलाई के पहले 17 दिनों में ई-दोपहिया वाहनों की औसत दैनिक बिक्री जून में बेचे गए 852 वाहनों की तुलना में बढ़कर 1,702 वाहन हो गई है। 1 जुलाई से 17 जुलाई तक ई-दोपहिया वाहनों की कुल 28,937 बिक्री हुई थी, जबकि जून में 14,499 वाहनों की बिक्री की गई थी।
शुरुआत में सब्सिडी कटौती का ई-दोपहिया बाजार पर नकारात्मक असर पड़ा था, जिससे बिक्री में गिरावट आई थी क्योंकि संभावित खरीदार ई-दोपहिया वाहन खरीदने के लाभ पर इसकी चोट का आकलन कर रहे थे। जून में ई-दोपहिया की बिक्री लगभग 60 प्रतिशत घटकर 42,124 इकाई रह गई, जबकि मई में यह 1,05,348 की बिक्री के साथ अब तक के सर्वाधिक स्तर पर थी। मई में बिक्री बढ़ गई थी क्योंकि ग्राहक फेम 2 के तहत दिए जाने वाले अधिक प्रोत्साहनों को भुनाने की दौड़ में थे।
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केंद्र सरकार ने 1 जून से ई-दोपहिया के लिए अधिकतम सब्सिडी 60,000 रुपये से घटाकर 22,500 रुपये कर दी। इसके साथ ही 80,000 रुपये से 1,50,000 रुपये के बीच रहने वाले ई-दोपहिया वाहन की औसत कीमत 20 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ गई।
वाहन उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि सब्सिडी में कमी किए जाने के बावजूद उपभोक्ता अब धीरे-धीरे लचीलापन और इसे अपनाने का भाव दिखा रहे हैं।
प्रभुदास लीलाधर के अनुसंधान विश्लेषक हिमांशु सिंह ने कहा कि बिक्री में यह बढ़ोतरी ई-दोपहिया वाहनों के प्रति उपभोक्ता धारणा में सकारात्मक बदलाव का संकेत देती है और यह जारी रहने के आसार हैं। उन्होंने कहा कि जून के दूसरे पखवाड़े में बिक्री में सुधार शुरू हुआ है।
अगर जून का यह रुझान चलता रहता है, तो आगे चलकर बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दिखने की संभावना है। जून के पहले 15 दिनों में रोजाना औसतन 721 वाहनों की बिक्री हुई। महीने के दूसरे पखवाड़े (16 जून से 30 जून तक) में यह बिक्री बढ़कर 2,332 हो गई।
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उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि हालांकि जुलाई के पहले पखवाड़े में 1,702 वाहनों की औसत दैनिक बिक्री जून के दूसरे पखवाड़े में दर्ज की गई बिक्री (2,332) से कम है, लेकिन मॉनसून के बाद इसमें तेज इजाफा नजर आने के आसार हैं। सिंह ने कहा कि भारी बारिश के कारण जुलाई के पहले पखवाड़े में शायद औसत दैनिक बिक्री कम रही है, जिसने दिल्ली और उत्तर भारत के अन्य हिस्सों जैसे ई-दोपहिया के प्रमुख बाजार को प्रभावित किया है।
उद्योग के विशेषज्ञों ने कहा कि किफायती ई-दोपहिया वाहन बाजार में आने और मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) को वाहनों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना के तहत प्रमाणन मिलने से हालात में और सुधार होने की संभावना है।
फिलहाल बेचे जाने वाले अधिकांश ई-दोपहिया वाहनों के दाम 1,20,000 रुपये से लेकर 1,50,000 रुपये के बीच हैं। पेट्रोल से चलने वाले दोपहिया वाहनों के दाम कम (90,000 रुपये से 1,10,000 रुपये) होते हैं, जो उन्हें अधिक आकर्षक बना देते हैं।