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भारत का अपना आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) आधारभूत मॉडल विकसित करने के वास्ते चुनी जाने वाली कंपनियों और स्टार्टअप को मार्गदर्शन देने के लिए सरकार जल्द ही एआई और मशीन लर्निंग (एमएल) विशेषज्ञों के वैश्विक नेटवर्क से संपर्क शुरू करेगी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इसकी जानकारी दी।
उक्त अधिकारी ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का उद्देश्य आधारभूत मॉडल के लिए ढांचा तैयार करने के शुरुआती चरण में मार्गदर्शन की खातिर शीर्ष एआई कंपनियों के विशेषज्ञों सहित मेंटॉर को अपने साथ जोड़ना है।
अधिकारी ने कहा, ‘हम इस हफ्ते से ही दुनिया भर के प्रमुख विश्वविद्यालयों और कंपनियों के एआई शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों और विशेषज्ञों से संपर्क करना शुरू कर देंगे। आधारभूत मॉडल पर काम करने वाली कंपनियों का चयन करने के बाद हमारी योजना उन्हें आने वाले सलाहकारों के साथ जोड़ने की है।’
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि ये सलाहकार चुनी गई कंपनियों को बाजार की मांग के अनुसार आधारभूत मॉडल को डिजाइन और विकसित करने में भी मदद करेंगे और सही उपकरणों को फिट करने के लिए मॉडल तैयार करने में भी मदद करेंगे।
अधिकारी ने कहा, ‘काफी कुछ शुरुआती काम अकादमिक प्रकृति के होने की संभावना है और इसमें बहुत सारा प्रशिक्षण, अनुसंधान और विकास की जरूरत होगी। जब हमारे पास बुनियादी चीजों पर प्रशिक्षित श्रमबल होगा तो हम डेटासेट पर मॉडलों के संकलन और प्रशिक्षण पर काम शुरू करेंगे।’
एआई आधारभूत मॉडल पर काम 10,372 करोड़ रुपये के इंडिया एआई मिशन के अंतर्गत किया जाएगा। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 30 जनवरी को कहा था कि कम से कम 6 स्टार्टअप के साथ विभिन्न क्षेत्रों में कई आधाभूत मॉडल विकसित करने पर बात कर रही है।
वैष्णव ने यह भी कहा था कि सरकार भारत का आधारभूत एआई मॉडल का ढांचा तैयार करने के लिए लार्ज लैंग्वेज मॉडल (एलएलएम) और स्मॉल लैंग्वेज मॉडल (एसएलएम) के विशेषज्ञों के साथ पिछले 18 महीने से काम कर रही है।
यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने उच्च कौशल प्रतिभा के वैश्विक नेटवर्क को अपने साथ जोड़ा है। बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में कार्यरत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनियों को सेवाएं प्रदान करने वाले प्रवासी भारतीयों के लिए एक नई अनुमानित कराधान व्यवस्था का प्रस्ताव किया है।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इससे घरेलू कंपनियों को शीर्ष वैश्विक प्रतिभाओं को आसानी से आकर्षित करने में मदद मिलेगी।