वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की नई दरें सोमवार से लागू हो रही हैं और कार डीलरों के पास करीब 5 लाख बिना बिकी कारें हैं जिनके लिए मुआवजा उपकर बकाये का दावा करने का रास्ता अभी तक स्पष्ट नहीं है। इससे कार डीलर असमंजस में हैं। सितंबर की शुरुआत में डीलरशिप के पास लगभग 6 लाख वाहनों का बिना बिका स्टॉक था और इन वाहनों पर लगभग 4,000 करोड़ रुपये का मुआवजा उपकर का भुगतान किया गया है। डीलर सूत्रों के अनुसार स्टॉक घटकर 5 लाख कारों की रह गया है और शेष उपकर की सटीक राशि का पता नहीं चला है। मोटे तौर पर गणना के अनुसार बेचे गए वाहनों में लगभग 500-800 करोड़ रुपये का उपकर रहा होगा और बाकी उपकर अभी भी वसूल किया जाना है।
सूत्रों ने बताया कि देश भर में कई डीलरों ने अंतिम समय में बिक्री बढ़ाने और खुदरा बिक्री के बिल तैयार करने की कोशिश की। पूर्वी भारत में कई ब्रांड की कारों के एक डीलर ने कहा कि चिंता अधिक कीमत वाली कारों के लिए है, जिनके लिए उपकर की राशि अधिक है। डीलरों ने कुछ स्टॉक को बेचने के लिए सितंबर के दौरान छूट का सहारा लिया था। मगर बिक्री ज्यादा नहीं हुई।
वाहन डीलरों के संगठन फाडा के उपाध्यक्ष साई गिरिधर ने कहा, ‘सोमवार से बिक्री में तेजी आने की उम्मीद है। डीलरों ने अपनी ओर से जितने वाहन हो सकते थे, बेचने की कोशिश की है। हमें अभी भी उम्मीद है कि बचे हुए उपकर का कोई समाधान निकाला जाएगा।’
ह्युंडै मोटर इंडिया और जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर्स जैसी वाहन विनिर्माताओं के मुंबई में दो डीलरशिप पर जाने से पता चला कि शनिवार को कारोबार सामान्य रूप से चल रहा था। डीलरशिप के कर्मचारियों ने कहा कि जीएसटी की घोषणा के बाद ग्राहकों की ओर से पूछताछ बढ़ी है लेकिन बुकिंग में ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है।
ह्युंडै डीलरशिप में काफी चहल-पहल थी। एक परिवार अपनी नई कार ले रहा था जबकि बिक्री कर्मचारी ग्राहकों को विभिन्न मॉडलों के बारे में बता रहे थे। एमजी मोटर के एक डीलर के अनुसार घोषणा के बाद से पूछताछ में तेजी आई है। हालांकि इनमें से अधिकांश अभी तक वास्तविक बुकिंग या बिक्री में परिवर्तित नहीं हुए हैं। हालांकि उन्हें उम्मीद है कि सोमवार से बुकिंग और डिलिवरी में तेजी आएगी।
बेंगलूरु के एक डीलर ने कहा, ‘हम इस चुनौती से निपटने के तरीकों पर वाहन कंपनियों के साथ चर्चा कर रहे हैं। हम फाडा के माध्यम से सरकार से भी बात करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि अधिकांश कंपनियों का कहना है कि वे इस मामले पर स्पष्टता का इंतजार कर रहे हैं, ताकि डीलरों के लिए वित्तीय सहायता पैकेज पर काम किया जा सके।’
उन्होंने कहा कि वाहन कंपनियों को उन कारों का भी उपकर फंस सकता है जिन्हें अभी तक डीलरों को बिल नहीं किया गया है, लेकिन उन्हें कारखानों से यार्ड में भेज दिया गया है।’ लग्जरी कार विनिर्माता अपनी ओर से डीलरों को होने वाले नुकसान को कम करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि महंगी कारों पर उपकर की मात्रा प्रति कार कुछ लाख तक जा रही है। डीलरों ने कहा कि ऑडी डीलरों के मुआवजा उपकर राशि की भरपाई कर रहे हैं और नई दर लागू होने से पहले उन्हें अधिक कारों की बिलिंग से भी रोक रहे हैं।
हालांकि ऑडी इंडिया ने इसकी पुष्टि नहीं की लेकिन ऑडी इंडिया के प्रमुख बलबीर सिंह ढिल्लों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हम सुगम बदलाव के लिए अपने डीलर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ऑडी की कारों के दाम 2.6 लाख रुपये से लेकर 8.06 लाख रुपये तक कम हो गए हैं। मारुति सुजूकी इंडिया ने बीते गुरुवार को घोषणा की थी कि नई जीएसटी दरों के लागू होने के बाद उनकी कारें 1.30 लाख रुपये तक सस्ती हो सकती हैं। कंपनी जीएसटी कटौती का पूरा लाभ ग्राहकों को देगी ताकि मांग को बढ़ावा मिल सके।
मारुति सुजूकी के मार्केटिंग एवं सेल्स के वीरिष्ठ कार्याधिकारी पार्थो बनर्जी ने कहा कि एंट्री-लेवल सेगमेंट में कीमतों में कटौती विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण है। ऑल्टो के10 10.6-20 फीसदी, एस-प्रेसो 12.6-24 फीसदी, सेलेरियो 8.6-17 फीसदी और वैगन आर 8.7-14 फीसदी सस्ती होंगी। उन्होंने कहा कि न केवल कारों की कीमतों पर बल्कि सर्विस पार्ट्स पर भी जीएसटी का लाभ दिया जा रहा है, जिसका उद्देश्य ग्राहकों के लिए स्वामित्व की कुल लागत को कम करना है।