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चीन के बेटिंग और लोन देने वाले 230 ऐप पर लगेगा प्रतिबंध

Last Updated- February 06, 2023 | 12:10 AM IST
ऑनलाइन लोन बांटने से जुड़ी चीनी कंपनियों के खिलाफ जांच जारी , Investigation continues against Chinese companies involved in online loan distribution

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बेटिंग (सट्टेबाजी) कराने वाले 138 और ऋण देने वाले चीन के 94 ऐप को ब्लॉक करने की कार्रवाई शुरू कर दी है।

सूत्रों ने कहा कि काले धन को सफेद बनाए जाने की समस्या और राष्ट्र की वित्तीय सुरक्षा पर कथित खतरे के कारण इन ऐप के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

गृह मंत्रालय के नोडल अधिकारी द्वारा आगाह किए जाने के बाद चीन से जुड़े अवैध प्लेटफॉर्मों पर सख्ती की गई है। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने इन ऐप्स को तत्काल और आपात आधार पर ब्लॉक करने के आदेश जारी किए हैं। हालांकि ब्लॉक किए जाने वाले ऐप के नामों का आधिकारिक खुलासा नहीं किया गया है।

सरकार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69 के तहत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग कर इन ऐप्स के खिलाफ कार्रवाई कर रही है। इस धारा के तहत सरकारी एजेंसियों को विशेष परिस्थितियों में किसी भी डिजिटल सूचना को इंटरसेप्ट, मॉनिटर या डीक्रिप्ट करने की अनुमति है।

संबंधित प्राधिकरण भारत की संप्रभुता या अखंडता की रक्षा, देश की सुरक्षा, राज्यों की सुरक्षा, दूसरे देशों के साथ मैत्री संबंधों अथवा अपराध को रोकने के लिए कार्रवाई कर सकता है।

घटनाक्रम के जानकार एक शख्स ने कहा, ‘ये 138 सट्टेबाजी ऐप तथा 94 लोन ऐप काले धन को सफेद करने में लिप्त थे और देश की वित्तीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर रहे थे। जून 2020 में भी सरकार ने इसी तरह की कार्रवाई करते हुए चीन के 59 मोबाइल ऐप पर रोक लगा दी थी।

जिन मोबाइल ऐप पर पाबंदी लगाइई गई थी उनमें शेयरइट, टिकटॉक और यूसी ब्राउजर आदि शामिल थे। उस समय चीन से संबंधित 200 से अधिक प्लेटफॉर्मों को प्रतिबंधित किया था।

मोबाइल लोन ऐप के जरिये कुछ सौ से लेकर 10,000 रुपये तक के तत्काल पर्सनल लोन की पेशकश की जाती है। लघु ऋण के कारोबारी मॉडल के कारण इन ऐपों को चाइनजर लोन ऐप के नाम से भी जाना जाता है।

जांच एजेसियों ने पाया कि इनमें से कई ऐप अवैध तरीके से 7 दिन से लेकर एक महीने तक की अवधि के लिए ऋण देते थे। कई कर्जदारों ने इन प्लेटफॉर्मों द्वारा ब्लैकमेल किए जाने की शिकायत की थी। उनका कहना था कि भुगतान में देर पर प्लेटफॉर्म द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया जाता था।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने लुभावने ऋण, शोषण तथा ब्लैकमेलिंग से कर्जदारों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए पिछले साल गैर-विनियमित उधारी गतिविधियों पर रोक के लिए एक कानून बनाने की सिफारिश की थी।

10 अगस्त, 2022 को आरबीआई ने दिशानिर्देश जारी कर कहा था कि कर्ज का आवंटन केवल विनियमित इकाइयों को या उन इकाइयों को हो लिया जाएगा, जिन्हें कानून के तहत ऐसा करने की अनुमति है। इसमें यह भी कहा गया था कि डिजिटल लोन सीधे कर्जदार के बैंक खाते में जमा होना चाहिए न कि किसी तीसरे पक्ष के जरिये ऐसा किया जाना चाहिए।

इसी तरह युवाओं के बीच कार्ड, कसीनो और फैंटसी खेलों के बढ़ते चलन और वित्तीय नुकसान को देखते हुए जुए से संबंधित ऐप जांच के दायरे में आए थे। कुछ मामलों में नुकसान की स्थिति में लोगों के आत्महत्या करने की भी खबर आई थी।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी हाल में ऑनलाइन खेलों, दांव या सट्टे की पेशकश करने वाले प्लेटफॉर्मों पर रोक लगाने के मकसद से नीति का मसौदा जारी किया है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘ताजा कार्रवाई ऑनलाइन सट्टेबाजी की गतिविधियों पर रोक लगाने के हमारे प्रयास का हिस्सा है। इस मसौदे तथा ऑनलाइन गेमिंग के नियमों को जल्द ही अधिसूचित किया जाएगा और सुनिश्चित किया जाएगा कि भारत के इंटरनेट पर किसी सट्टेबाजी वाले ऐप का परिचालन न हो।’

First Published - February 6, 2023 | 12:10 AM IST

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