facebookmetapixel
खरीदारी पर श्राद्ध – जीएसटी की छाया, मॉल में सूने पड़े ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स स्टोरएयरपोर्ट पर थर्ड-पार्टी समेत सभी सेवाओं के लिए ऑपरेटर होंगे जिम्मेदार, AERA बनाएगा नया नियमकाठमांडू एयरपोर्ट से उड़ानें दोबारा शुरू, नेपाल से लोगों को लाने के प्रयास तेजभारत-अमेरिका ट्रेड डील फिर पटरी पर, मोदी-ट्रंप ने बातचीत जल्द पूरी होने की जताई उम्मीदApple ने उतारा iPhone 17, एयर नाम से लाई सबसे पतला फोन; इतनी है कीमतGST Reforms: इनपुट टैक्स क्रेडिट में रियायत चाहती हैं बीमा कंपनियांमोलीकॉप को 1.5 अरब डॉलर में खरीदेंगी टेगा इंडस्ट्रीज, ग्लोबल मार्केट में बढ़ेगा कदGST 2.0 से पहले स्टॉक खत्म करने में जुटे डीलर, छूट की बारिशEditorial: भारत में अनुबंधित रोजगार में तेजी, नए रोजगार की गुणवत्ता पर संकटडबल-सर्टिफिकेशन के जाल में उलझा स्टील सेक्टर, QCO नियम छोटे कारोबारियों के लिए बना बड़ी चुनौती

JLR: जगुआर लैंड रोवर के लिए फायदेमंद नहीं केंद्र सरकार की EV नीति, टाटा मोटर्स के CFO ने बताई वजह

पहली तिमाही के अपने सबसे अच्छे नतीजे दर्ज करने वाली जेएलआर नई इलेक्ट्रिक जगुआर भी तैयार कर रही है।

Last Updated- August 02, 2024 | 11:35 PM IST
Jaguar Land Rover, JLR Electric Vehicle

टाटा मोटर्स के स्वामित्व वाली ब्रिटेन की लक्जरी कार विनिर्माता जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) शायद केंद्र सरकार की नई इले​​क्ट्रिक विनिर्माण नीति में भागीदारी नहीं करेगी। टाटा मोटर्स के समूह मुख्य वित्त अधिकारी पीबी बालाजी ने आज यह बताया।

कंपनी के वित्तीय नतीजों का ऐलान करने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में बालाजी ने कहा कि कंपनी पहले से ही भारत में जेएलआर के कई मॉडलों की असेंबलिंग कर रही है, इसलिए अलग से जिम्मेदारी ओढ़ने की कोई वजह नहीं दिखती। जेएलआर इंडिया ने इस साल भारत में रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट मॉडल बनाए हैं।

बालाजी ने कहा ‘भारत में कारोबार बहुत अच्छी स्थिति में है, काफी मजबूती से बढ़ रहा है। हमने हाल ही में रेंज रोवर और रेंज रोवर स्पोर्ट का उत्पादन भारत में किया है। उसके लिए हमें ऑर्डर में भारी इजाफा दिख रहा है। इसलिए हम चाहेंगे कि यह बढ़े, हम भारत में उत्पादन जारी रखना चाहेंगे।’

चूंकि बिक्री बढ़ रही है, इसलिए कंपनी जहां तक संभव हो सके अधिक स्थानीय पुर्जों के साथ उत्पादन करना चाहेगी। उन्होंने कहा ‘भारत में अपने कारोबार को देखते हुए हम इस पर पर नजर रखेंगे कि सीकेडी (कंप्लीटली नॉक्ड डाउन यानी टुकड़ों में वाहन लाकर असेंबल करना) कितना आकर्षक विकल्प है।’

उन्होंने कहा कि कंपनी ने ईवी नीति को पूरी तरह खारिज नहीं किया है और बाद में उस पर विचार किया जा सकता है। मगर इस नीति को टाटा मोटर्स के लिए ज्यादा कारगर नहीं बताते हुए बालाजी ने कहा, ‘अगर नीति का फायदा होगा तो हम निश्चित रूप से इस पर विचार करेंगे। इस समय हमारे लिए यह कारगर नहीं है। इसलिए फिलहाल हम उसका फायदा नहीं लेना चाहते।’

केंद्र ने इस साल की शुरुआत में ईवी नीति पेश की थी। इसमें उन इलेक्ट्रिक कारों पर सीमा शुल्क 100 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी कर दिया गया, जिनकी लागत, बीमा और ढुलाई का खर्च कुल मिलाकर 35,000 डॉलर या ज्यादा है। मगर यह रियायत उस कंपनी की गाड़ियों पर ही लागू होगी, जो कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और पांच साल में कम से कम 50 फीसदी स्थानीय पुर्जे आदि इस्तेमाल करने लगेगी।

अलबत्ता टाटा मोटर्स भारत में सीकेडी इकाइयों के उत्पादन का मौका तलाशती रहेगी ताकि उसे 15 फीसदी शुल्क का फायदा मिल सके।

पहली तिमाही के अपने सबसे अच्छे नतीजे दर्ज करने वाली जेएलआर नई इलेक्ट्रिक जगुआर भी तैयार कर रही है। कंपनी ने कहा कि इसके शुरुआती नमूने की रोड टेस्टिंग अच्छी तरह से चल रही है। कंपनी इस साल कर्ज मुक्त होने की राह पर है। उस पर शुद्ध ऋण एक अरब डॉलर और सकल ऋण 4.8 अरब डॉलर बैठता है।

First Published - August 2, 2024 | 10:31 PM IST

संबंधित पोस्ट