facebookmetapixel
100 गीगावॉट लक्ष्य के लिए भारत में परमाणु परियोजनाओं में बीमा और ईंधन सुधारों की जरूरत: एक्सपर्टCII ने बजट 2026-27 में निवेश और विकास बढ़ाने के लिए व्यापक सुधारों का रखा प्रस्तावRBI ने बैंकों को कहा: सभी शाखाओं में ग्राहकों को बुनियादी सेवाएं सुनिश्चित करें, इसमें सुधार जरूरीसाल 2025 बना इसरो के लिए ऐतिहासिक: गगनयान से भारत की मानव अंतरिक्ष उड़ान की उलटी गिनती शुरूदिल्ली देखेगी मेसी के कदमों का जादू, अर्जेंटीना के सुपरस्टार के स्वागत के लिए तैयार राजधानीदमघोंटू हवा में घिरी दिल्ली: AQI 400 के पार, स्कूल हाइब्रिड मोड पर और खेल गतिविधियां निलंबितUAE में जयशंकर की कूटनीतिक सक्रियता: यूरोप ब्रिटेन और मिस्र के विदेश मंत्री से की मुलाकात‘सच के बल पर हटाएंगे मोदी-संघ की सरकार’, रामलीला मैदान से राहुल ने सरकार पर साधा निशानासेमाग्लूटाइड का पेटेंट खत्म होते ही सस्ती होंगी मोटापा और मधुमेह की दवाएं, 80% तक कटौती संभवप्रीमियम हेलमेट से Studds को दोगुनी कमाई की उम्मीद, राजस्व में हिस्सेदारी 30% तक बढ़ाने की कोशिश
लेख

आखिर आ गया भारतीय जनता पार्टी का ‘अपना बजट’

इस बार का बजट पिछले 30 वर्षों में भारत की राजनीतिक अर्थव्यवस्था में पहला बड़ा बदलाव लेकर आया है। यह बदलाव सही दिशा में भी है। यह वैचारिक स्तर के अलावा समझदारी के स्तर पर भी सही है। अगर इसे सियासी अंदाज में कहा जाए तो यह मोदी सरकार के समय पेश किया गया ‘पहला […]

लेख

पुदुच्चेरी की दिलचस्प राजनीति और नारायणसामी की भूमिका

एक वक्त था जब कांग्रेस नेता और पुदुच्चेरी के वर्तमान मुख्यमंत्री वी नारायणसामी को उनके नारंगी बालों की वजह से बहुत दूर से पहचाना जा सकता था। अब उनकी जगह काले बालों ने ले ली है। हां, गंभीरता दिखाने के लिए बीच-बीच में कुछ भूरे-सफेद बाल भी हैं। बहरहाल, पुदुच्चेरी (और तमिलनाडु) में आगामी अप्रैल-मई […]

लेख

हिंदुत्व के आईने में भाजपा की आर्थिक वृद्धि

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शासन वाले दो राज्य हिंदुत्व के एजेंडे से मेल खाने वाले कानून लागू करने को लेकर बेहद ईमानदार रहे हैं। पहला राज्य उत्तर प्रदेश है जिसकी गिनती भारत में सबसे कम वृद्धि दर वाले राज्यों में होती है। दूसरा कर्नाटक है जो देश के सबसे तेज विकास वाले राज्यों में […]

लेख

खामोशी से अपनी पकड़ मजबूत कर रही है एआईएमआईएम

देश में दो राजनीतिक दल ऐसे हैं जो अपने आप विकसित हो रहे हैं। इस प्रक्रिया में उन्होंने किसी दल को तोडऩे या दलबदल का सहारा नहीं लिया है। भले ही इन्हें कोई व्यापक सफलता न मिले लेकिन उनकी क्षेत्रीय पहचान निरंतर मजबूत हो रही है। इनमें एक दल है शिवसेना जिसने महाराष्ट्र में भारतीय […]

ताजा खबरें

ब्रिटेन में सख्त लॉकडाउन लागू

कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन के तेजी से फैलते खतरे के बीच ब्रिटेन ने सख्त लॉकडाउन लागू किया है और मंगलवार को प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा  कि संक्रमण जितनी तेजी से फैल रहा है और फिलहाल देश के अस्पतालों पर महामारी का सबसे ज्यादा दबाव है। महामारी की नई लहर से निपटने के लिए सभी […]

अन्य समाचार

औरंगाबाद का नाम बदलने का फैसला भाजपा को स्वीकार

महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलने को लेकर राज्य की राजनीतिक गरमा गई है। राज्य का मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर सत्ताधारी शिवसेना को ललकारते हुए मैदान में कूद पड़ा है। भाजपा का कहना है कि उसको संभाजी नगर नाम स्वीकार्य है, अब शिवसेना तय करें कि वह नाम बदलेगी या […]

लेख

पश्चिम बंगाल की राजनीति में बराबरी का मुकाबला!

पानी का धीरे-धीरे होने वाला रिसाव जैसे बाढ़ में तब्दील होने के खतरे का संकेत देता है, कुछ वैसी ही हालत इस वक्त तृणमूल कांग्रेस की हो रही है। शुभेंदु अधिकारी के तृणमूल से अलग होने के बाद पार्टी के कई महत्त्वपूर्ण नेता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो रहे हैं। तृणमूल की नेता […]

अन्य समाचार

महाराष्ट्र विधानमंडल का अगला सत्र होगा पूर्णकालिक!

महाराष्ट्र विधानमंडल सत्र की अवधि सिर्फ दो दिन होने से नाराज मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने विधानसभा अध्यक्ष से शिकायत की। विपक्ष की शिकायत पर सहमत‌ि जताते हुए विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। पटोले ने कहा कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सभी तरह के एहतियात […]

लेख

भाजपा के लिए परिवर्तनकारी होंगे शुभेंदु अधिकारी!

पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम से तृणमूल कांग्रेस के विधायक शुभेंदु अधिकारी नारकोटिक्स, ड्रग्स ऐंड साइकोट्रॉपिक सब्सटैंसेस (एनडीपीएस) अधिनियम की वजह से पार्टी और राज्य में अपनी विधानसभा सीट से इस्तीफा दे सकते हैं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं।  तृणमूल प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खेमे से बाहर होने के […]

लेख

भाजपा के निरंकुशतावादी रवैये में बदलाव पर टिका देश का भविष्य

अधिकतर टिप्पणीकारों ने किसानों के मौजूदा अंसतोष को केंद्र सरकार की तरफ से कृषि नीति में किए गए बदलावों की प्रतिक्रिया के तौर पर ही देखा है। निश्चित तौर पर इस मसले को देखने का यह एक तरीका है। सच यह है कि इस विरोध प्रदर्शन में पंजाब और आसपास के इलाकों से आए किसानों […]