असम में जातीय हिंसा भड़कने से बनी परिस्थिति को खतरे की घंटी बताते हुए भाजपा ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा और उन पर हालात को लेकर मूक दर्शक बने रहने का आरोप लगाया।
भाजपा ने केंद्र पर हालात को इस स्तर तक लाने का आरोप लगाते हुए इस विषय पर प्रधानमंत्री से जवाब की मांग की।
भाजपा महासचिव अनंत कुमार ने कहा, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह संसद में असम का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वह असम में बढ़ती हिंसा पर और वहां बाढ़ के हालात पर मूक दर्शक बने हुए हैं।
भाजपा कोर समूह की आज शाम पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी के आवास पर हुई बैठक में भी असम के हालात पर गंभीर चिंता जताई गयी।
बैठक में भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली के अलावा मुरली मनोहर जोशी तथा राजनाथ सिंह भी मौजूद थे।
पार्टी प्रवक्ता राजीव प्रताप रूड़ी ने असम के हालात को खतरे की घंटी बताते हुए संवाददाताओं से कहा, भाजपा इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से सीधा जवाब चाहेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि समस्या केवल असम में नहीं है।
रूड़ी ने कहा कि भाजपा इस बारे में केंद्र सरकार को लंबे समय से आगाह करती आ रही है। उन्होंने कहा, इस हिंसा की जिम्मेदारी पूरी तरह केंद्र में कांग्रेस नीत सरकार पर है।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि वह इस बारे में इससे ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहेंगे क्योंकि इस स्थिति का राजनीतिकरण करना सही नहीं है।
निचले असम में बोडो आदिवासियों और बाहर से आकर रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के बीच संघर्ष में कम से कम 40 लोगों की मौत हो गयी है।