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भारत तथा अन्य देशों मेें छाया बैंकिंग इकाइयों को दिया जाने वाला रिण बढ़ा

PTI

- November,15 2013 8:23 PM IST

छाया बैंकिंग व्यवस्था से आशय रिण मध्यस्थता की गतिविधियों में शामिल इकाइयों से है जो नियमित बैंकिंग प्रणाली के दायरे से बाहर रहकर काम करती हैं।

हालांकि, ताजा वित्तीय संकट यह प्रदर्शित करता है कि कुछ गैर-बैंकिंग इकाइयों की क्षमता तथा बड़े पैमाने पर लेन-देन वित्तीय स्थिरता के लिये जोखिम है।

स्विट्जरलैंड स्थित वित्तीय स्थिरता बोर्ड :एफएसबी: की रिपोर्ट के अनुसार, गैर-बैंकिंग वित्तीय मध्यस्थ :बीमा कंपनियों, पेंशन कोष तथा सार्वजनिक वित्तीय संस्थानों को छोड़कर: की संपत्ति 2012 में 5,000 अरब डालर बढ़कर 71,000 डालर पर पहुंच गया।

बैंकों के लिये रिण जोखिम के संदर्भ में ब्राजील, इंडोनेशिया, भारत तथा सउदी अरब में बैंकों का छाया बैंकिंग इकाइयों को रिण बढ़ा है।

रिपोर्ट के अनुसार भारत, तुर्की, इंडोनेशिया, अर्जेंटीना, रूस तथा सउदी अरब में गैर-बैंकिंग वित्तीय गतिविधियां 2012 के अंत में उनके सकल घरेलू उत्पाद का 20 प्रतिशत से नीचे रहा।

भाषा

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