निवेशकों ने ब्लू चिप शेयरों में भारी तेजी के बीच अगस्त में इक्विटी योजनाओं में निवेश बरकरार रखा। हालांकि उन्होंने मिड-कैप और स्मॉल-कैप के बजाय लार्ज-कैप पर ज्यादा जोर दिया, भले ही इस साल लार्ज-कैप का प्रदर्शन इस बार ज्यादा अच्छा नहीं रहा है। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के आंकड़े से पता चलता है कि लार्ज-कैप श्रेणी की दैनिक प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) अगस्त में 2.10 लाख करोड़ रुपये पर दर्ज की गईं, जबकि जुलाई में यह आंकड़ा 1.97 लाख करोड़ रुपये था। वहीं स्मॉल-कैप फंडों की एयूएम मामूली 381 करोड़ रुपये तक घटकर अगस्त में 91,402 करोड़ रुपये रह गईं।बाजार कारोबारियों का कहना है कि निवेशक महंगे मूल्यांकन और नियामकीय सख्ती के प्रभाव से जुड़ी चिंताओं की वजह से स्मॉल-कैप श्रेणी से दूरी बना रहे हैं।प्राइमइन्वेस्टर डॉटइन की सह-संस्थापक विद्या बाला का कहना है, 'निवेशकों ने लार्ज-कैप फंडों पर ध्यान दिया है, क्योंकि ये फंड पिछले कुछ महीनों के दौरान मिड और स्मॉल-कैप योजनाओं के मुकाबले बेहतर प्रतिफल देने में सफल रहे हैं। इसके अलावा, स्मॉल-कैप और मिड-कैप श्रेणी में कुछ गिरावट भी आई थी जिससे निवेशकों को लार्ज-कैप श्रेणी पर ध्यान देने में मदद मिली है।' पिछले महीने के दौरान, बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक में 0.86 प्रतिशत की तेजी आई जबकि बीएसई मिडकैप सूचकांक 4.51 प्रतिशत तक चढ़ा। दूसरी तरफ, सेंसेक्स में करीब 10 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई। सेंसेक्स के मुकाबले स्मॉल-कैप सूचकांक का प्रदर्शन तीन वर्षों में सबसे खराब रहा।कई ब्लू चिप शेयरों में भारी तेजी की वजह से कुछ लार्ज-कैप फंडों का प्रतिफल आंकड़ा हाल के सप्ताहों में सुधरा है। वैल्यू रिसर्च के आंकड़े से पता चलता है कि लार्ज-कैप फंडों का औसत प्रतिफल करीब 6.5 प्रतिशत है, जो स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंडों से ज्यादा है। स्मॉल-कैप और मिड-कैप फंडों का औसत प्रतिफल 0.18 प्रतिशत और 2.30 प्रतिशत के आसपास रहा। बाजार कारोबारियों का कहना है कि बिकवाली दबाव धीमा पड़ा है, और नई बिक्री में पिछले कुछ महीनों से तेजी आई है, जिससे सकारात्मक पूंजी प्रवाह को बढ़ावा मिल रहा है। पिछले पांच महीनों में, इक्विटी फंडों ने 51,207 करोड़ रुपये का शुद्घ पूंजी प्रवाह आकर्षित किया। अकेले जुलाई में इक्विटी फंडों ने 22,584 करोड़ रुपये का शुद्घ प्रवाह दर्ज किया और इसे खासकर आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के फ्लेक्सीकैप फंड की शानदार सफलता से मदद मिली। लार्ज- और मिड-कैप फंड, फ्लेक्सीकेप फंडों जैसी कई इक्विटी उप-श्रेणियों ने अगस्त में मासिक आधार पर एयूएम में भारी तेजी दर्ज की।
