रेस्टोरेंट व शोरूमों से कामगारों का पलायन! | विवेट सुजन पिंटो, शैली सेठ मोहिले और अर्णव दत्ता / मुंबई/नई दिल्ली April 06, 2021 | | | | |
मुंबई सहित पूरे महाराष्ट्र में गैर-आवश्यक रिटेल प्रतिष्ठानों, मॉल, मल्टीप्लेक्स, वाहन डीलरशिप और खाने-पीने की दुकानें बंद होने से राज्य से एक फिर पलायन शुरू हो सकता है। उद्योग निकायों के शीर्ष अधिकारियों ने इसकी आशंका जताई है। पिछले साल कोरोना पर नियंत्रण के लिए लगाए गए लॉकडाउन से महाराष्ट्र सहित पूरे देश के प्रमुख शहरों से कामगारों के अपने गांव-घर लौटने का रेला चल पड़ा था। दिल्ली ने भी आज रात से कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है, जिससे बार, रेस्टोरेंट और पब जैसे देर रात तक चलने वाले कारोबार पर असर पड़ेगा।
इम्प्रेसारियो एंटरटेनमेंट ऐंड हॉपिटैलिटी के मुख्य कार्याधिकारी और प्रबंध निदेशक रियाज अमलानी ने कहा, 'मुंबई और दिल्ली के रेस्टोरेंटों का करीब 70 फीसदी कारोबार देर शाम ही होता है। मुंबई में गैर-आवश्यक रिटेल प्रतिष्ठानों पर एक महीने तक पाबंदी लगाई गई है, वहीं दिल्ली में रात 10 बजे से कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। टेक-अवे रेस्टोरेंट में बैठकर खाने का विकल्प नहीं हो सकता। इसके साथ ही मुंबई जैसे शहरों में खाने-पीने की चीजों की होम डिलिवरी की भी अपनी सीमाएं हैं। ऐसे में हमारे पास क्या विकल्प बचता है।
मैसिव रेस्टोरेंट के संस्थापक एवं निदेशक जोरावर कालरा कहते है, 'प्रशानन की तरफ से जो कदम उठाए गए हैं उनकी जरूरत तो थी लेकिन इससे कारोबार प्रभावित होगा।' कालरा का मानना है कि दिल्ली और मुंबई में रात्रि कर्फ्यू लगने के बाद रेस्टोरेंटों की बिक्री में 50-60 प्रतिशत तक की कमी आएगी।
नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष कबीर सूरी ने कहा, 'पिछले साल से ही हम केवल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम कर रहे हैं। कुछ समय से कारोबार में सुधार दिखना शुरू हुआ था लेकिन दिल्ली और मुंबई में रात्रि कर्फ्यू लगने से हालत पिछले साल जैसी ही हो जाएगी।'
रेस्टोरेंटों को डर है कि अप्रैल में अपने कर्मचारियों को वेतन आदि देना उनके लिए मुश्किल हो जाएगा, जिससे प्रवासी कर्मचारियों की नौकरियां भी जा सकती हैं।
महाराष्ट्र में खुदरा क्षेत्र में 50 लाख से अधिक लोग काम करते हैं और राज्य में रेस्तरां क्षेत्र भी 20 से 30 लाख लोगों को रोजगार देता है। इनमें 85-90 प्रतिशत कर्मचारी स्टोरों में बिक्री कर्मचारी या वेटर, आपूर्तिकर्ता और रसोई कर्मचारी के तौर पर काम करते हैं। देश में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री में महाराष्ट्र 10 प्रतिशत योगदान देता है।
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