इक्वलाइजेशन लेवी से राहत चाहते हैं आभूषण निर्यातक | निकुंज ओहरी / नई दिल्ली December 07, 2020 | | | | |
आयकर अधिनियम में नए बदलाव से ऑनलाइन नीलामी के माध्यम से कच्चे हीरों की खरीद पर असर पड़ा है, जिसे देखते हुए आभूषण निर्यातकों ने वित्त मंत्रालय से इक्वलाइजेशन लेवी से राहत की मांग की है।
जेम्स ऐंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन कोलिन शाह ने कहा कि वैश्विक खननकर्ताओं और कारोबारियों से ई-नीलामी के माध्यम से कच्चे हीरे की खरीद पर 2 प्रतिशत अतिरिक्त इक्वलाइजेशन लेवी लगता है, जिसकी वजह से वैश्विक खनिक कांट्रैक्ट की शर्तों में बदलाव कर रहे हैं और कुछ आक्शन हाउसेज ने भारत के ग्राहकों को अपनी जून की हाजिल नीलामी प्रक्रिया में हिस्सा लेने से प्रतिबंधित कर दिया है।
उद्योग संगठन ने केंद्रीय बजट 2021-22 के लिए वित्त मंत्रालय के समक्ष अपना पक्ष रखा है।
2020-21 के बजट में सरकार ने विदेशी ई-कॉमर्स ऑपरेटरों द्वारा वस्तुओं व सेवाओं की बिक्री पर 2 प्रतिशत इक्वलाइजेशन लेवी लगाया था। इस प्रावधान का मकसद विदेशी ई-कॉमर्स ऑपरेटरों द्वारा भारत में की जाने वाली बिक्री को कर के दायरे में लाना था, जिसका असर डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से कच्चे हीरे की खरीद पर पड़ा है।
कोविड-19 के दौर में हीरों की ऑनलाइन खरीद लोकप्रिय विकल्प बन गया था और अब यह इक्वलाइजेशन लेवी के कारण प्रभावित हुआ है। शाह ने कहा कि वैश्विक खननकर्ता भारत में कराधान के मसलों में नहीं फंसना चाहते।
अगस्त में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग को आश्वस्त किया था कि कच्चे हीरे के ई-ट्रेड पर शुल्क नहीं लगेगा, लेकिन सरकार ने इसे लेकर कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है।
उद्योग ने सरकार से यह भी कहा है कि कीमती धातुओं पर आयात शुल्क कम किया जाए क्योंकि सोने पर ज्यादा शुल्क होने की वजह से दक्षिण कोरिया और मलेशिया जैसे उन देशों से इसका आयात हो रहा है, जिनके साथ भारत ने मुक्त व्यापार समझौता किया है। शाह ने कहा कि इसकी वजह से घरेलू बाजार में कीमतों पर असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि 12.5 प्रतिशत का उच्च आयात शुल्क घटाकर 4 प्रतिशत किया जाना चाहिए। उद्योग संगठन का अनुमान है कि आयात शुल्क घटाकर 4 प्रतिशत किए जाने से 600 करोड़ रुपये के करीब कार्यशील पूंजी मुक्त होगी, जो निर्यात के उद्देश्य से आयात किए जा रहे गोल्ड बार फंसती है। भारत इस समय निर्यात के मकसद से 7,830 करोड़ रुपये के गोल्ड बार का आयात करता है।
|