भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के साथ सड़क विकास के अब तक के सफर में मील के कई पत्थर स्थापित हुए हैं। इनमें अगला बुनियादी ढांचा निवेश न्यास (इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट अथवा इनविट) हो सकता है। बुनियादी स्तर पर इनविट जैसे न्यास, नकदी पैदा करने वाली बुनियादी परिसंपत्तियों के मालिकाना हक के लिए सबसे तार्किक उपाय हैं। सड़क परिचालन का काम चरणबद्ध रूप से एक नवनिर्मित सार्वजनिक-निजी भागीदारी वाली इनविट को हस्तांतरित करने का काम पहले ही प्रक्रिया के अधीन है। इस बात की पूरी संभावना है कि टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर परियोजनाओं के बोलीकर्ता भी सड़कों को इनविट को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया में शामिल होंगे। अपने खुद के इनविट की शुरुआत करके एनएचएआई और अधिक परिचालन संपत्तियों को इनके हवाले करने के बाजार का दायरा बढ़ा रहा है। एक दलील यह पेश की जा रही है कि इनविट के माध्यम से न केवल एनएचएआई को फंड जुटाने का असाधारण अवसर मिल रहा है बल्कि इसका देश के सड़क क्षेत्र पर भी बहुत परिवर्तनकारी असर होने वाला है। आइए देखते हैं कि ये इनविट क्या कर सकते हैं: बुनियादी उद्देश्यों पर दोबारा ध्यान केंद्रित करना: बीते कई वर्षों के दौरान एनएचएआई ने खुद को सड़क विकास करने वाली संस्था से रियायत प्रदान करने वाली संस्था में बदला है। हाल ही में उसने टीओटी कार्यक्रम के माध्यम से सड़कों का मुद्रीकरण करने की क्षमता हासिल की है। इंजीनियरिंग-खरीद और निर्माण आधार पर सड़क विकास के मामले में यह परिचालन और रखरखाव काम भी करता है। ऐसा करना किसी भी संस्था के लिए कभी आसान नहीं होता और सार्वजनिक क्षेत्र की संस्थान के लिए हर गतिविधि में प्रभावी साबित होना तो और भी मुश्किल होता है। इनविट को लॉन्च करने के बाद एनएचएआई न केवल सड़क का हस्तांतरण कर सकती है बल्कि इन सड़कों परिचालन और रखरखाव का काम भी कर सकती है। ऐसे में उसे अब अपने बुनियादी काम यानी सड़क विकास पर ध्यान देने का अवसर मिलेगा और प्रबंधन के क्षेत्र में अतिरिक्त दायरा हासिल होगा जो बहुत जरूरी था। परिचालन एवं रखरखाव तथा सुरक्षा मानक में सुधार: परिचालन एवं रखरखाव तथा सुरक्षा मानकों को भारत में पर्याप्त मान्यता नहीं दी जाती और सड़कों पर लोगों को होने वाली दिक्कतें आम हैं। एनएचएआई के लिए इनविट के रूप में एक अवसर है कि वे उपकरणों तथा प्रक्रियााओं की मदद से इन सड़कों के मानक में सुधार करें। इससे न केवल इनका इस्तेमाल करने वालों के अनुभव बेहतर होंगे और उन्हें सुरक्षा मिलेगी बल्कि एक ऐसा माहौल भी बनेगा जिससे अन्य मानकों में भी सुधार किया जा सके। जिस तरह एनएचएआई का डीएनए विकास है उसी तरह इनविट का डीएन परिचालन-रखरखाव और सुरक्षा हो सकता है। सड़कों का मुद्रीकरण: फिलहाल सड़कों के मुद्रीकरण का कार्यक्रम शिथिल है और बिक्री प्रक्रिया निपटाने में लगने वाले समय के हिसाब से देखें तो अन्य कारक इसे प्रभावित कर सकते हैं। टीओटी 1 को भारी सफलता मिली लेकिन उसके बाद उस स्तर की कामयाबी हाथ नहीं लगी। इसका एनएचएआई की फंड जुटाने की कोशिशों पर नकारात्मक असर पड़ा। ऐसे में अगर ऐसी पारदर्शी और स्पष्ट हस्तांतरण व्यवस्था सामने आए जिसके तहत सड़क परिचालन को इनविट के हवाले किया जा सके तो फंड जुटाने की पूरी प्रक्रिया अधिक सहज होगी। घरेलू बचत में इजाफा: देश का बुनियादी ढांचा क्षेत्र, जिसमें सड़क भी शामिल हैं, वह आकर्षक विदेशी पूंजी पर निर्भर है। यह पूंजी बुनियादी ढांचा फंड, सॉवरिन वेल्थ फंड और वैश्विक पेंशन फंड से आता है। भारत की दीर्घावधि की बचत बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश से बचती रही है। दुनिया भर में बुनियादी परिसंपत्तियां लंबी अवधि की बचत के पोर्टफोलियो का अहम हिस्सा रही हैं। ऐसे निवेशकों के लिए सड़क अन्य परिसंपत्ति वर्ग की तुलना में बेहतर रही है क्योंकि सड़क के प्रयोग से वसूले जाने वाले शुल्क को मुद्रास्फीति के मुताबिक समायोजित किया जाता है। यदि एनएचएआई इनविट के लिए समुचित संचालन तय करने में सफल रहे तो यह घरेलू बचत पूल मसलन ईपीएफओ, निजी बीमा कंपनियों और अमीर कारोबारियों आदि के लिए उपयुक्त हो सकता है। उन्हें इससे अपने निवेश में विविधता लाने में मदद मिलेगी। इससे सड़क तथा बुनियादी ढांचे के अन्य क्षेत्रों में निजी इनविट के लिए घरेलू बचत पूल का इस्तेमाल करने की राह खुलेगी और बुनियादी विकास का एक चक्र बनेगा। निवेशकों के लिए अलग विवाद निस्तारण: यदि भारत को स्थायी सड़क विकास कार्यक्रम बनाना है तो उसे इस क्षेत्र में लंबी अवधि की पूंजी आकर्षित करनी होगी। इस पूंजी के लिए एक अहम शर्त यह है कि विवाद निस्तारण की समुचित व्यवस्था हो और इसे तेजी से अंजाम दिया जा सके। इन विवादोंं की प्रकृति सड़क विकास और निर्माण से जुड़े विवादों से काफी अलग होती है। ऐसे इनविट की स्थापना सड़क परिचालन से जुड़े विवादों के निस्तारण के लिए एक स्वतंत्र ढांचा तैयार करने का अवसर देता है। इससे न केवल इस इनविट को लाभ होगा बल्कि ऐसी अन्य संस्थाएं भी लाभान्वित होंगी। निवेश प्रबंधक की स्वतंत्रता: किसी भी इनविट या फंड में निवेश प्रबंधक की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है। निवेश प्रबंधक के ऊपर निवेशकोंं की जवाबदेही होती है और वित्तीय निवेशक अगर किसी बात से हिचकते हैं तो वह है किसी व्यवस्था का संबद्ध पक्ष वाला पहलू। एनएचएआई और इनविट के रिश्ते में संबद्ध पक्ष वाली व्यवस्था की कई परतें निहित हैं। मसलन किन सड़कों का हस्तांतरण किया जाए, उसका मूल्य क्या हो और इनविट तथा रियायतग्राहियों तथा रियायत देने वाले प्राधिकार एनएचएआई के बीच का रिश्ता आदि। ऐसे में इनविट के निवेश प्रबंधको की पूर्ण स्वतंत्रता सुनिश्चित करना जरूरी है। तभी निवेश को लेकर यकीन पैदा होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो लंबी अवधि में इनविट उतने आकर्षक नहीं रह जाएंगे और उनके सामने तमाम चुनौतियां खड़ी हो जाएंगी। ये चुनौतियां इनविट और एनएचएआई के बीच के रिश्तों से उत्पन्न हो सकती हैं। इन मसलों को हल करने के लिए इनविट के ढांचे, संचालन और प्रबंधन में उपयुक्त गुणों को शामिल करना जरूरी है। लब्बोलुआब यह कि एनएचएआई के इनविट में यह संभावना है कि वे देश में सड़क क्षेत्र के विकास में आमूलचूल बदलाव ला सकें। एक साहसी दृष्टि, पारदर्शी ढांचा और मजबूत क्रियान्वयन की मदद से एनएचएआई और इनविट सफलता की राह पर अग्रसर हो सकते हैं। (लेखक मैक्वायरी इन्फ्रास्ट्रक्चर ऐंड रियल ऐसेट्स में भारत एवं दक्षिण पूर्व एशिया के पूर्व प्रमुख हैं। लेख में विचार व्यक्तिगत हैं)
