विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने आज यहां कहा, हम चीन के साथ भागीदारी बढ़ाना चाहता हैं। हम देश में ढांचागत क्षेत्र में मिलकर काम करने, उसे प्रोत्साहन देने और उसका स्वागत करते हैं, लेकिन इसके साथ ही हम चीन के औषधि और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बेहतर बाजार पहुंच भी चाहते हें।
खुर्शीद भारत..चीन मीडिया फोरम की यहां पहली बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा यह मुद्दा :व्यापार असंतुलन: चीन के प्रधानमंत्री ली की यात्रा के दौरान उच्च प्राथमिकता में शामिल था। व्यापार में संतुलन लाने के लिये काम करते रहने के बीच यदि निवेश बढ़ता है तो इससे व्यापार में संतुलन बनाये रखने की काफी कुछ भरपाई हो सकेगी।
वर्ष 2011 की समाप्ति पर चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा 27 अरब डालर रहा था। जनवरी में जारी चीन के व्यापार आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2012 तक यह घाटा बढ़कर 29 अरब डालर पर पहुंच गया।
खुर्शीद ने कहा यह मुद्दा न केवल हमारे आर्थिक विनिमय के मामले में महत्वपूर्ण है बल्कि कई वैश्विक मुद्दों पर हमारे साथ साथ काम करने और नजदीक सहयोग बनाये रखने में भी काफी महत्वपूर्ण है। मेरा मानना है कि वैश्विक व्यापार क्षेत्र और जलवायु परिवर्तन सहित कई मामलों में भी यही हो रहा है।
भाषा
09161538 दि
नननन