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जून में वाहनों का पंजीकरण बढ़ा

Last Updated- December 11, 2022 | 5:47 PM IST

विभिन्न श्रेणियों के वाहनों का पंजीकरण जून में सालाना आधार पर 27 फीसदी बढ़ गया। वाहन डीलरों  के संगठन फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने आज यह खुलासा किया। उसने कहा कि सेमीकंडक्टर की उपलब्धता बढ़ने से वाहन कंपनियों को अपना उत्पादन और डीलरों तक आपूर्ति बढ़ाने में मदद मिली।
यदि हम जून 2019 से इसकी तुलना करते हैं कि कुल बिक्री में 8.68 फीसदी की गिरावट दिखती है। वित्त वर्ष 2023 की जून तिमाही के आंकड़ों पर वित्त वर्ष 2019 की समान तिमाही के संदर्भ
में  गौर करने पर भी बिक्री में गिरावट दिखती है।
फाडा की ओर से जारी आंकड़ों से पता चलता है कि जून तिमाही में वाहनों की कुल खुदरा बिक्री वित्त वर्ष 2019 की समान अवधि के मुकाबले 8.13 फीसदी घट गई। हालांकि रुझानों से पता चलता है कि दुनिया के इस पांचवें सबसे बड़े वाहन बाजार की सभी श्रेणियों में व्यापक सुधार जारी है। दोपहिया वाहन श्रेणी में चुनौतियां लगातार बरकरार दिख रही हैं। स्वामित्व लागत में वृद्धि और कीमत बढ़ने के कारण इस श्रेणी में वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही के मुकाबले 13.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इससे पता चलता है कि दोपहिया श्रेणी को कोविड-पूर्व स्तर तक पहुंचने में अभी वक्त लगेगा। इस दौरान तिपहिया श्रेणी में भी 12.8 फीसदी की गिरावट दिखी।
इस बीच, वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही के दौरान यात्री वाहनों, ट्रैक्टरों और भारी वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री में थोड़ा सुधार दिखा। इन तीनों श्रेणियों में बिक्री दमदार वृद्धि के साथ आगे बढ़ते हुए कोविड-पूर्व स्तर को पार कर चुकी है।
जून तिमाही के दौरान यात्री वाहनों की बिक्री वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही के मुकाबले 17 फीसदी बढ़कर 79 लाख वाहन हो गई। इस दौरान ट्रैक्टर श्रेणी में बिक्री 34.72 फीसदी बढ़कर 1,58,169 वाहन हो गई जबकि समान अवधि में भारी वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में खुदरा बिक्री 17.05 फीसदी बढ़कर 66,836 वाहन हो गई।
फाडा के अध्यक्ष विंकेश गुलाटी ने एक बयान में कहा, ‘वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में पहली बार (जून में) मजबूती दिखी है और कोविड-पूर्व माह जून 2019 के मुकाबले 4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। एलसीवी के साथ-साथ बस श्रेणी में भी अच्छी रफ्तार दिखी है।’
गुलाटी ने कहा कि जून में दोपहिया वाहनों की बिक्री में कमजोर आधार के कारण सालाना आधार पर 20 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई लेकिन ग्रामीण बाजार में कमजोर बाजार धारणा, स्वामित्व लागत में बढ़ोतरी और महंगाई संबंधी दबाव के कारण चुनौतियां बरकरार हैं। तिपहिया वाहन श्रेणी में इलेक्ट्रिक की ओर तेज रुख के कारण मात्रात्मक बिक्री में कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा परमिट संबंधी समस्याएं और लगातार दाम बढ़ने से भी बिक्री को झटका लगा।
यात्री वाहन श्रेणी में महीने के दौरान जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई। थोक बिक्री बढ़ने से पता चलता है कि सेमीकंडक्टर की उपलब्धता में अब सुधार हो रहा है। हालांकि एसयूवी श्रेणी में विशेष तौर पर कॉम्पैक्ट एसयूवी के लिए प्रतीक्षा अवधि अभी अधिक है।

First Published - July 6, 2022 | 12:02 AM IST

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