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ऑटोमेटिक स्कूटरों की मांग में हो रहा है तेजी से इजाफा

Last Updated- December 07, 2022 | 5:05 PM IST

दोपहिया वाहन कंपनियों के वाहनों की बिक्री भले ही कम हो रही हो लेकिन ऑटोमेटिक स्कूटर खरीदने के लिए ग्राहकों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है।


टीवीएस स्कूटी, काइनेटिक फ्लाइट और सुजुकी एक्सेस 125 सीसी के ग्राहकों को अपनी पसंद का स्कूटर खरीदने के लिए एक हफ्ते से लेकर एक महीने तक इंतजार करना पड़ रहा है। ऑटोमेटिक स्कूटर्स बिना गियर वाले स्कूटर होते है और इन्हें चलाना भी आसान होता है।

ऑटोमेटिक स्कूटर निर्माता कंपनियों ने स्कूटी का निर्माण कम संख्या में किया गया लेकिन इनकी मांग काफी ज्यादा है। सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया के उपाध्यक्ष (सेल्स और मार्केटिंग) अतुल गुप्ता ने बताया, ‘पिछले साल ब्याज की बढ़ती दर और फाइनेंस की कमी के कारण हमें  खराब दौर से गुजरने के बाद हम और नुकसान से बचने के लिए कम उत्पादन कर रहे थे।उस वक्त हमने आपूर्ति ज्यादा की थी जबकि बिक्री कम हुई। हमें अचानक मांग में बढ़ोतरी होने का कोई अंदाजा नहीं था।’

हालांकि बिक्री के मामले में मोटरसाइकिलों की बिक्री इन ऑटोमेटिक स्कूटरों के मुकाबले 5.5 फीसदी ज्यादा है। सियाम के आंकड़ों के मुताबिक एक तरफ पिछले वित्त वर्ष में जहां दोपहिया वाहनों के बाजार ने गिराावट दर्ज की थी। वहीं इन स्कूटरों की मांग में इतनी ही बढ़ोतरी हुई थी। वित्त वर्ष 2007-08 में लगभग 10 लाख ऑटोमेटिक स्कूटरों की बिक्री हुई थी।

ऑटोमेटिक स्कूटरों की निर्माता कंपनियां मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए फिलहाल पूरी क्षमता के साथ काम कर रही हैं। होंडा मोटरसाइकिल्स ऐंड स्कूटर्स (एचएमएसआई) के डिविजनल प्रमुख (सेल्स ऐंड मार्के टिंग) एन के रत्तन ने बताया, ‘जैसे -जैसे त्योहारों का सीजन आ रहा है ऑटोमेटिक स्कूटरों के लिए ग्राहकों को और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।

दरअसल इसी समय ज्यादातर लोग वाहन खरीदते हैं। फिलहाल उत्पादन बढ़ाने के लिए हम अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर रहे हैं।’ आटोमेटिक स्कूटरों के बाजार में एचएमएसआई ही अग्रणी है। कंपनी अगस्त के अंत तक अपनी उत्पादन क्षमता 85,000 वाहन प्रति महीने से बढ़ाकर 1 लाख वाहन प्रति महीना करने की योजना बना रही है।

सुजुकी फिलहाल हर महीने लगभग 5,000 वाहनों का निर्माण करती है। लेकिन आने वाले 6 महीनों में कंपनी अपनी उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 10,000 वाहन प्रति महीना करने वाली है। कंपनी को उम्मीद है कि इससे साल के अंत तक उसकी हिस्सेदारी 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी हो जाएगी। अतुल गुप्ता ने बताया, ‘अगले साल हम बाइक या ऑटोमेटिक स्कूटरों की श्रेणी में दो नए प्रीमियम मॉडल उतारने के साथ ही अपनी उत्पादन क्षमता भी 2 लाख इकाई सालाना करेंगे।’

उद्योग विश्लेषकों के अनुसार ऑटोमेटिक स्कूटर खरीदने वालों में ज्यादातर महिलाएं होती हैं जो शहर में आने जाने के लिए इन स्कूटरों का ही उपयोग करती हैं। क्योंकि इस स्कूटर का इस्तेमाल परिवार का  हर सदस्य कर सकता है इसीलिए पूरा परिवार मिलकर फैसला करता है कि कौन सा स्कूटर लेना है। जबकि मोटरसाइकिल खरीदते समय सिर्फ उसे चलाने वाला ही फैसला करता है कि कौन सा मॉडल खरीदना है।

स्कूटर फाइनेंस कराने में लोन टू वैल्यू अनुपात 90 फीसदी तक हो सकता है। काइनेटिक मोटर्स के उपाध्यक्ष (सेल्स और मार्केटिंग) राहुल भटनागर ने बताया , ‘अगर लोन वापस भी नहीं आ पाता है तो उस वाहन को आराम से इस्तेमाल किए जा चुके वाहनों के बाजार में बेचा जा सकता है।’

First Published - August 18, 2008 | 4:04 AM IST

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