बिक्री के लिहाज व्यावसायिक वाहन बनाने वाली भारत की सबसे बड़ी कंपनी टाटा मोटर्स का कारोबार वित्त वर्ष 2022 में 36-38 प्रतिशत की रफ्तार से भाग सकता है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि न्यून आधार प्रभाव एक वजह जरूर होगी लेकिन नए वाहन, ढांचागत परियोजनाओं में तेजी और कुल मिलाकर आर्थिक गतिविधियों में सुधार से कंपनी के कारोबार को मजबूती मिलेगी।
इस बारे में टाटा मोटर्स में व्यावसायिक वाहन कारोबार इकाई के अध्यक्ष गिरीश वाघ ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘हमने वाहन उद्योग के मुकाबले अधिक वृद्धि दर्ज करने और एक मजबूत कंपनी के रूप में अपनी साख और पुख्ता करने का लक्ष्य रखा है।’ क्रिसिल रिसर्च के अनुसार वित्त वर्ष 2022 में व्यावसायिक वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 36-38 प्रतिशत बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2021 में व्यावसायिक वाहनों की बिक्री 5,77,000 से 589,000 कम रह सकती है और सालाना आधार पर यह 20 से 22 प्रतिशत कमतर होगी। वित्त वर्ष 2019 के मुकाबले यह आंकड़ा आधा रहेगा।
वाघ ने कहा कि चुनौतियां अभी खत्म नहीं हुई हैं लेकिन अच्छी बात यह है कि हालात तेजी से सुधर रहे हैं। अगले वित्त वर्ष जीडीपी की वृद्धि दर दहाई अंकों में रहने का अनुमान जताया गया है। विभिन्न शोध एजेंसियों ने भी लगभग ऐसे ही अनुमान व्यक्त किए हैं। आर्थिक हालात में सुधार के अलावा टाटा मोटर्स ने पिछले दो वर्षों में कई उपाय किए हैं। इनमें लागत कम करने के उपायों से लेकर उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार, नए मॉडलों का विनिर्माण, ग्राहकों की पसंद पर अधिक ध्यान देना शामिल हैं। वाघ को लगता है कि इन सकारात्मक बातों से टाटा मोटर्स को मोटे तौर पर बाजार से बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिलेगी।
गुरुवार को कंपनी ने अपने अल्ट्रा स्लीक टी ब्रांड के तहत इंटरमीडिएट ऐंड लाइट कमर्शियल व्हीकल्स (आईएलसीवी) का नया मॉडल उतारा है। कंपनी ने इसकी कीमत 13,99,000 रुपये (एक्स-शोरूम) रखी है और इसमें एसयूवी की तरह आरामदायक कैबिन, संबंधित खूबियां हैं। कंपनी ने ई-कॉमर्स कंपनियों को ध्यान में रखकर यह वाहन उतारा है। इन दिनों ई-कॉमर्स कंपनियों के कारण सामानों को गंतव्य तक पहुंचाने की मांग काफी बढ़ गई है। टाटा फिलहाल इस खंड में 407 मॉडल बेचती है। नए मॉडल की बिक्री बाजार में इस समय उपलब्ध मॉडलों के साथ की जाएगी। आईएलसीवी खंड में टाटा मोटर्स लगभग 5,000 से 6,000 वाहन बेचती है और 46-50 प्रतिशत बाजार हस्सेदारी पर इसका कब्जा है।
फरवरी में ट्रैक्टर की बिक्री 30 फीसदी बढ़ी
फरवरी में ट्रैक्टर की बिक्री करीब 30 फीसदी की उछाल के साथ 84,690 वाहन हो गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 64,937 रही थी। ट्रैक्टर की बिक्री में मजबूती बनी रही क्योंकि रबी की बुआई अब तक के सर्वोच्च स्तर पर रही, जिसे जलाशय के भरे रहने और किसानों के पास ज्यादा नकदी से सहारा मिला। उद्योग के प्रतिनिधियों ने यह जानकारी दी।
फरवरी में बिक्री जनवरी के मुकाबले कम रही क्योंंकि जनवरी में 87,579 ट्रैक्टर बिके थे और 96,020 ट्रैक्टरों का उत्पादन हुआ था। महिंद्रा ऐंड महिंद्रा के अध्यक्ष (फार्म इक्विपमेंट सेक्टर) हेमंत सिक्का ने कहा, ट्रैक्टर की मांग में मजबूती बनी रही क्योंंकि रबी की बुआई अब तक के सर्वोच्च स्तर पर रही, जिसे जलाशय के भरे रहने और किसानों के पास ज्यादा नकदी के अलावा खरीफ फसल की समय पर हुई खरीद से सहारा मिला। बीएस