मंदी का बदस्तूर चालू है, फिर भी ऑटो सेक्टर अपनी रफ्तार हासिल करने के लिए जी-तोड़ कोशिशें कर रहा है।
कई दो पहिया कंपनियों ने फरवरी के महीने में अच्छा प्रदर्शन किया है। साथ ही, इससे जुड़े दूसरे सेक्टर भी अपनी रफ्तार में भी इजाफा करने में लगे हुए हैं।
पूरे शबाब पर है ‘सुपरबाइक्स’ की बिक्री
भले ही यह मंदी का वक्त हो, लेकिन महंगी मोटरसाइकिलों (सुपर-बाइक्स) की बिक्री को देखकर तो ऐसा नहीं लगता। 1000 सीसी से ज्यादा की इस मोटरसाइकिलों की कीमतें 9.5 लाख से 45 लाख रुपये के बीच में होती है।
सुपरबाइक्स आज कल बहुराष्ट्रीय ऑटो कंपनियों की आंखों के तारे बनते जा रहे हैं। इस क्षेत्र में हाल ही में उतरने वाली नई कंपनी है होंडा है, जिसने सोमवार को अपनी सीबी 1000आर (9.5 लाख रुपये) और सीबीआर 1000आरआर (12.5 लाख रुपये ) बाइक लॉन्च की।
नई दिल्ली में इन बाइक्स के लॉन्च के मौके पर होंडा मोटरसाइकिल ऐंड स्कूटर्स इंडिया के प्रमुख एन. के. रत्तन ने बताया कि, ‘हम बाइकरों की जरूरतों को पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं। इन बाइक्स की सवारी आपको आजादी का अहसास कराती है। हमें उम्मीद है कि हम मुल्क में एक साल के भीत-भीतर ऐसी 100 बाइक्स बेच लेंगे।’
इस बाजार में उतरने की बहुराष्ट्रीय ऑटो कंपनियों की बेताबी को अच्छी तरह से समझा जा सकता है। होंडा को मिला दें इस वक्त देसी बाजार में सुपरबाइक्स के चार बड़े ब्रांड मौजूद हैं। दुनिया भर में मशहूर ‘डुकैटी’ ब्रांड की आयातित बाइक्स को मुंबई की प्रीशिजन मोटर्स भारत में बेचती है।
दूसरी तरफ, सुजुकी की ‘हायाबूसा’ और ‘इंट्रूडर बाइक्स भी आज देश में मिल रही हैं। साथ ही, यामाहा की आर1 वाई2एफ और एमटी01 भी आप देश में ही खरीद सकते हैं। इन तीनों ब्रांडों की पिछले साल 200 से ज्यादा बाइक्स बिकी थीं।
गौरतलब है कि पिछले साल ही देश में सुपरबाइक्स लॉन्च हुई थीं। पिछले साल यामाहा ने 107 सुपरबाइक्स बेचीं, तो प्रीजिशन मोटर्स ने 50 डुकैटी बेची। इन दोनों सुपरबाइक्स को पिछले साल की पहली छमाही में लॉन्च किया था।
यामाहा इंडिया की मानें तो इन सुपरबाइक्स के खरीदार ऊंचे तबके से ताल्लुक रखते हैं, जो पहले भी विदेशों में इनकी सवारी कर चुके हैं। कंपनी के प्रमुख (प्रोडक्ट प्लानिंग) संजय त्रिपाठी का कहना है कि, ‘हमारे खरीदार मोटोजीपी जैसी अंतरराष्ट्रीय स्तर की बाइक्स प्रतियोगिता से पूरी तरह से वाकिफ हैं। वे इन बाइकों को अपने व्यक्तित्व के एक हिस्से के तौर पर देखते हैं। हमारे खरीदारों की उम्र 20 से लेकर 40 साल तक के बीच है।’
उनके मुताबिक इन बाइकों का भविष्य वाकई काफी जबरदस्त है। उन्होंने बताया कि, ‘पहले लोग जीप और जोंगा में सफर करना शान की बात समझा करते थे। अब रईसों के लिए सुपरबाइक्स स्टाइल स्टेटमेंट बन चुके हैं।
अब तो मोटोजीपी भी 2011 तक दिल्ली में आने वाली है, जो हमारी बिक्री में चार चांद लगा देगी। अब तो देश में मोटरसाइकिल टूरिज्म भी अपने शबाब पर आ रहा है।’ इन सभी सुपरबाइक्स को खास डीलरों के जरिये बेचा जाता है, जिन्हें पुर्जों खास ट्रेनिंग दी गई है।