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देखिए नए का कमाल

Last Updated- December 07, 2022 | 4:05 PM IST

नई फॉक्सवैगन वी डब्ल्यू गोल्फ आपको पुरानी कार से ज्यादा जुदा नजर नहीं आएगी। सामने से यह स्कीरोक्को की तरह नजर आ सकती है लेकिन यह अभी तक अपने चालू मॉडल मार्क वी गोल्फ की तरह ही नजर आती है।


अरे आप कन्फ्यूज हो गए, जब फॉक्सवैगन ने नई मार्क-6 गोल्फ की तस्वीरें और ब्यौरा जारी किया था तब हम भी कन्फ्यूज हो गए थे। इसलिए हमने तय किया कि हम इसके बारे में पूरी तरह से जानकारी जुटाकर पता लगाएंगे कि कि नई गोल्फ में आखिर नया क्या है?

इसमें दो नये हॉरिजेंटल स्लेट्स और बड़े हेडलैंप्स लगाए गए हैं। यह कुछ ऐसी चीजों में से है जो नई स्कीरोक्को कूपे में हमने देखी हैं। फॉक्सवैगन की डिजाइन टीम के प्रमुख वॉल्टर डा सिल्वा इसको भविष्य की कार बताते हैं, हालांकि वह यह भी कहते हैं कि इसके लिए फॉक्सवैगन की पुरानी और मौजूदा कारों से ही प्रेरणा मिली है।

इस कार की छत की डिजाइन स्कीरोक्को से मिलती , सी पिलर फॉर्थ जेनरेशन गोल्फ और पिछली लाइटें एसयूवी टॉरेज की तरह लगती हैं। लेकिन बाकी सब मार्क वी के जैसा ही है, उसी की तरह का व्हीलबेस और फ्रंट और रेयर ट्रैक की लंबाई भी उतनी ही है। अंदर में किए गए परिवर्तन भी मामूली से ही हैं।

चेसिस और अंडरपिनिंग्स स्टे भी पुराने जैसा ही है, पीछे में फॉर लिंक सस्पेंशन और मैकफर्सन सस्पेंशन को भी बरकरार रखा गया है। इसके साथ आपको तीन बढ़िया विकल्प मिलते हैं। पहला तो बढ़िया स्टियरिंग रेस्पॉस, कॉर्नर में लगे जीनॉन हेडलैंप्स, इंटेलीजेंट क्रूज कंट्रोल और इंटेलिजेंट पार्किंग सिस्टम। वैसे कार के अंदर कुछ परिवर्तन किए गए हैं।

गौरतलब है कि मार्क वी के इंटीरियर में आलोचकों ने बहुत मीन-मेख निकाले थे। नई कार में प्रीमियम-फील स्विचगियर, डैशबोर्ड और ट्रिम मैटेरियल लगाया गया है। कार की सरफेस अब बदली हुई और शानदार नजर आती है। फॉक्सवैगन ने नीले रंग के लिट डायल का रंग बदलकर सफेद कर दिया है। कार के अंदर की जगह तो उतनी ही है लेकिन सीटों का समायोजन बहुत बढ़िया तरीके से किया गया है।

यदि आपकी लंबाई कुछ अधिक ही है तब भी आपके सर और गाड़ी में छत में ठीक-ठाक फासला रहेगा। वैसे सबसे बड़ा परिवर्तन जो किया गया है वह है कार का इंजन फ्रंट। गोल्फ में सबसे छोटा इंजन 1400 सीसी पेट्रोल का है जो 80 बीएचपी की पावर देता है। यह 1600 सीसी में भी उपलब्ध है जिसका इंजन 105 बीएचपी (इंडियन जेटा की तरह) की पावर देता है।

जिन लोगों को और पावरफुल कार चाहिए उनके पास कई दूसरे विकल्प हैं, मसलन टबोचार्ज्ड 1.4 जो 122 बीएचपी की पावर देता है, सुपरचार्जर टर्बोचार्जर 1.4 जो 140 बीएचपी और 170 बीएचपी और 1.8 टर्बो 160 बीएचपी की पावर देता है। कुछ इसी तरह की शानदार रेंज फॉक्सवैगन डीजल में भी उपलब्ध है। जो लोग कार की परफॉर्मेंस को लेकर चिंतित रहते हैं, उनको चिंता करने की जरूरत नहीं है।

वर्ष 2009 में गोल्फ जीटीआई दस्तक देगी जिसका 2000 सीसी का पेट्रोल इंजन 211 बीएचपी का पावर देगा। साथ ही गोल्फ के डीजल वर्जन् जीटीडी की भी बात चल रही है जिसका 2000 सीसी का इंजन 204 बीएचपी की पावर देगा। और तो और 2010 में गोल्फ आर को पावर देने के लिए गोल्फ आर 32 की जगह नया जीटीआई इंजन लगाया जाएगा।

हाइब्रिड कार ‘लियोनार्डो’ को लाने की भी योजना है ताकि हरियाली पसंद लोगों को भी खुश रखा जा सके। इसके लिए 1200 सीसी का इंजन चाहिए जो 102 बीएचपी की पावर इलेक्ट्रिक मोटर को मुहैया करा सके। तब हम क्यों गोल्फ की बात कर रहे हैं?

अभी हाल ही में जो जेटा बाजार में आई है वह भी तो गोल्फ का ही असर है, और साथ ही कुछ और कारों में भी इसका असर देखा जा सकता है। गोल्फ की वजह से जेटा प्रभावित हो सकती है। फॉक्सवैगन की भारतीय इकाई इसे भारत में भी पेश करने के बारे में सोच रही है। लेकिन देखना यह होगा कि यह कब तक संभव हो पाता है?

First Published - August 11, 2008 | 1:14 AM IST

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