यकीन कीजिए, पिछली बार जिस कार को चलाते हुए मुझे यह अजीब अहसास हुआ था, वह चमकदार पीले रंग की लोंबोर्गिनी थी।
लेकिन आज उसी रंग और पीछे की तरफ इंजन वाली नैनो को स्टार्ट करते समय मुझे ज्यादा गुदगुदी का अहसास हो रहा था। मुझे नहीं पता था कि यह कैसी चलेगी। लेकिन तमाम सवाल जेहन में लिए मैंने नैनो का स्टीयरिंग थाम लिया।
स्टार्ट होते ही 624 सीसी इंजन वाली नैनो ने स्कूटर की तरह आवाज की और उसके बाद आवाज बेहद धीमी हो गई। पहला गियर डालकर मैंने कार को आगे बढ़ा दिया। सबसे पहली बात.. नैनो बहुत ‘सस्ती कार’ नहीं लगती। इसकी डिजायनिंग बेहद सूझबूझ के साथ की गई है और इसके अंदर जगह भी उम्मीद से बहुत ज्यादा है।
सच कहूं, तो मुझे लगा कि इसमें मारुति सुजूकी की आल्टो और मारुति 800 के मुकाबले ज्यादा जगह है और इसमें घुसने और बाहर निकलने में दिक्कत नहीं होती। पहले गियर में आप 33 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर आ जाते हैं और दूसरा गियर नैनो को 60 किमी प्रति घंटा तक की रफ्तार देता है, जो स्टार्ट करने के बाद 8.7 सेकंड में मिल जाती है।
लेकिन कुछ मामलों में आपको समझौता करना पड़ेगा। नैनो में एक ब्लेड वाला वाइपर है और उसके अगले तथा पिछले टायरों का नाप भी अलग है। आप इंजन को बाहर से संभाल भी नहीं सकते। उसके लिए कार के अंदर से नट खोलने पड़ते हैं। इसके अलावा स्पेयर टायर केवल अगला है, आपको तेल भरवाने के लिए बोनट खोलना पड़ेगा। नैनो में प्लास्टिक ठीकठाक है। कार के अंदर स्पीडोमीटर, डिजिटल फ्यूल गॉज है और एक ओडोमीटर भी है।
तीसरे गियर में आपको 90 किमी की रफ्तार मिल जाएगी और चौथे गियर में आप 100 किमी का आंकड़ा पार कर सकते हैं। केवल 30 सेकंड में शून्य से 100 किमी की रफ्तार हासिल करना बड़ी बात नहीं है, लेकिन अपनी टॉप स्पीड यानी 105 किमी पर नैनो जिस आसानी से दौड़ती है, उससे इंजन की लंबी उम्र होना साबित हो जाता है। इसके अलावा नैनो को भीड़ भरे इलाकों में चलाना भी आसान है।
टाटा मोटर्स का दावा है कि नैनो हाईवे पर 20 किमी से ज्यादा का माइलेज देगी। लेकिन भीड़ भरे इलाकों में यह 10 से 15 फीसदी कम रह सकता है।