facebookmetapixel
₹9,975 तक के टारगेट! नतीजों के बाद Bajaj Auto पर 4 ब्रोकरेज हाउसों की राय सामने आईLenskart IPO Listing: ₹390 पर लिस्ट हुए शेयर, निवेशकों को नहीं मिला लिस्टिंग गेनराशन कार्ड के लिए सरकारी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं, बस ये ऐप डाउनलोड करेंQ2 results today: ONGC से लेकर Vodafone Idea और Reliance Power तक, आज इन कंपनियों के आएंगे नतीजेBihar Elections 2025: हर 3 में 1 उम्मीदवार पर है आपराधिक मामला, जानें कितने हैं करोड़पति!₹70 तक का डिविडेंड पाने का आखिरी मौका! 11 नवंबर से 10 कंपनियों के शेयर होंगे एक्स-डिविडेंडGroww IPO Allotment Today: ग्रो आईपीओ अलॉटमेंट आज फाइनल, ऐसे चेक करें ऑनलाइन स्टेटस1 अक्टूबर से लागू Tata Motors डिमर्जर, जानिए कब मिलेंगे नए शेयर और कब शुरू होगी ट्रेडिंगStock Market Update: शेयर बाजार की पॉजिटिव शुरूआत, सेंसेक्स 200 से ज्यादा अंक चढ़ा; निफ्टी 25550 के करीबअगर अमेरिका ने Google-Meta बंद किए तो क्या होगा? Zoho के फाउंडर ने बताया भारत का ‘Plan B’

कीमत पर ब्रेक नहीं

Last Updated- December 10, 2022 | 11:45 PM IST

मांग और महंगाई दर दोनों के कम होने से कच्चे उत्पाद भले ही सस्ते हो गए, लेकिन दुपहिया वाहन निर्माताओं ने मोटरसाइकिल और स्कूटर की कीमतों में कमी की संभावना को साफ खारिज कर दिया है।
इन कंपनियों में हीरो होंडा, बजाज और एचएमएसआई शामिल हैं। देश की शीर्ष दुपहिया वाहन कंपनियों का यह निर्णय ऐसे समय आया है, जब मंदी के चलते देश का वाहन उद्योग मांग घटने की समस्या से दो-चार है।
साल भर पहले तक स्वाभाविक मांग वाला बाजार अब प्रोत्साहन पर निर्भर हो गया है। तकनीकी शब्दावली में ऐसी स्थिति को क्रमश: ‘पुल मार्केट’ और ‘पुश मार्केट’ कहते हैं। पहले का मतलब बाजार की उस स्थिति से है, जहां उत्पादन मांग के अनुरूप होता है।
वहीं दूसरी स्थिति का तात्पर्य मांग बिल्कुल नहीं या कम होने से है। ऐसी स्थिति में निर्माताओं को अपना माल बेचने के लिए काफी मशक्कत करनी होती है। तब अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनियां डीलरों और एजेंटों की सहायता लेती हैं।
इस्पात, रबर, तेल, एल्युमीनियम और प्लास्टिक की कीमतें बीती दो तिमाहियों में काफी नीचे गई हैं। जुलाई 2008 में ज्यादातर जिंसों की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई तक चली गई थीं। इसके अलावा, टाटा नैनो की लॉन्चिंग के बाद दुपहिया वाहनों की मांग थोड़ी घटने का अनुमान है।
दूसरी ओर, दुपहिया वाहन खरीदने के लिए लोन देने में बैंकों की कोई विशेष दिलचस्पी नहीं है। कुल मिलाकर, मौजूदा हालात दोपहिया वाहनों के बाजार के प्रतिकूल ही हैं। हीरो होंडा मोटर्स के मुख्य वित्त अधिकारी रवि सूद ने बताया, ”पिछले साल जब कच्चे उत्पादों की लागत काफी बढ़ गई थी, तब हमने बाइक की कीमत नहीं बढ़ाई। उस समय हमने मुनाफा मार्जिन घटाने का फैसला लिया था।
अब जब लागत कम हो गई है, तब हमने पिछले साल के कम मुनाफे की भरपाई करने का फैसला लिया है।” बजाज ऑटो ने भी पिछले साल के कम मुनाफे की भरपाई का फैसला लिया है। वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान बजाज ऑटो की बिक्री में 23 फीसदी की कमी हुई थी।

First Published - April 8, 2009 | 9:11 PM IST

संबंधित पोस्ट