कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी ने आज चेताया है कि चिप किल्लत के कारण सितंबर में उसके उत्पादन में 60 फीसदी तक की कमी दिख सकती है। इससे पहले कंपनी अपने गुजरात संयंत्र में उत्पादन घटा चुकी है। कंपनी ने कहा कि चिप की कमी के कारण उसके गुडग़ांव और मानेसर संयंत्रों में भी उत्पादन को झटका लग सकता है।
कंपनी ने कहा कि चिप किल्लत के कारण कुल मिलाकर उत्पादन 60 फीसदी तक घटाना पड़ सकता है। बाजार में सेमीकंडक्टर की कमी के कारण इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। इससे सितंबर में कंपनी के वाहनों का उत्पादन काफी प्रभावित हो सकता है। कंपनी ने कहा कि इसका असर हरियाणा के संयंत्रों के साथ-साथ गुजरात के अनुबंध आधारित विनिर्माण संयंत्र सुजूकी मोटर गुजरात प्राइवेट लिमिटेड (एसएमजी) पर दिखने की आशंका है। हालांकि स्थिति तेजी से बदलती रहती है लेकिन मौजूदा अनुमान के आधार पर इन दोनों जगहों पर वाहनों का कुल मात्रात्मक उत्पादन सामान्य स्थिति के मुकाबले करीब 40 फीसदी रह सकता है।
जून में जब इन संयंत्रों का परिचालन पूरी क्षमता पर हुआ था तो मारुति ने जुलाई में 1,70,719 वाहनों का उत्पादन किया था लेकिन उद्योग सूत्रों का कहना है कि अगस्त में कंपनी का उत्पादन प्रभावी तौर पर 22 फीसदी घटकर 1,33,520 वाहन रहा। उत्पादन में 60 फीसदी की कटौती का मतलब साफ है कि कंपनी सितंबर में करीब 68,000 वाहनों का उत्पादन करेगी। आगामी त्योहारी सीजन के दौरान उत्पादन की रफ्तार सुस्त पडऩे से कंपनी को तगड़ा झटका लग सकता है क्योंकि वार्षिक बिक्री में इस अवधि का उल्लेखनीय योगदान होता है।
इससे कारों के लिए प्रतीक्षा अवधि लंबी हो जाएगी और साथ ही कुछ वैरिएंट शोरूमों में उपलब्ध नहीं भी हो सकेंगे। मारुति के वरिष्ठï कार्यकारी निदेशक शशांक श्रीवास्तव ने कल एक साक्षात्कार में कहा था कि चिप की वैश्विक किल्लत से बिक्री प्रभावित होगी। उन्होंने कहा, ‘सेमीकंडक्टर की कमी सितंबर में बढ़ जाएगी। अभी मांग के मुकाबले आपूर्ति कम दिख रही है।’
मारुति का मौजूदा स्टॉक स्तर 20 दिन पर है, जबकि औसत इन्वेंट्री स्तर करीब 30 दिन से ऊपर है। इस घटनाक्रम से अवगत लोगों का कहना है कि कंपनी यह मान रही है कि वह वैरिएंट के उत्पादन में बदलाव लाकर समस्या से मुकाबला करने में सक्षम होगी, क्योंकि इस वैरिएंट में कम सेमीकंडक्टर चिपों का इस्तेमाल होता है।
उदाहरण के लिए, कंपनी की शुरुआती स्तर की कार ऑल्टो अप्रैल से वीएक्सआई+ ट्रिम में उपलब्ध नहीं थी। ग्राहकों का वीएक्सआई ट्रिक खरीदने का विकल्प दिया गया था, जिसमें कम चिप का इस्तेमाल होता है। इसी तरह की स्थिति डिजायर के साथ थी। आपूर्ति संबंधित समस्याओं की वह से उसके टॉप-ऐंड जेडएक्सआई+ और जेडएक्सआई अप्रैल से बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं थे। इसलिए डीलरों को डिजायर के वीएक्सआई ट्रिम के लिए बुकिंग स्वीकार करने की सलाह दी गई थी।